आवक घटने और तेल संयंत्रों की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार

आवक घटने और तेल संयंत्रों की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार

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  • Publish Date - December 26, 2025 / 09:25 PM IST,
    Updated On - December 26, 2025 / 09:25 PM IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) बाजार में आवक घटने और तेल संयंत्रों की मांग बढ़ने के कारण स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार दर्ज हुआ।

सटोरियों द्वारा भाव ऊंचा बोले जाने से पाम-पामोलीन तेल के दाम में भी सुधार रहा। विदेशों में तेजी के बीच बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर सुस्त और नीरस कामकाज के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन के दाम स्थिर रहे।

मलेशिया एक्सचेंज शुक्रवार के दोपहर साढ़े तीन बजे एक प्रतिशत से अधिक मजबूत बंद हुआ जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कारोबार की शुरुआत रात आठ बजे से हुआ और यहां घट-बढ़ जारी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि किसान नीचे दाम पर सोयाबीन की बिक्री करने से कतरा रहे हैं जिस कारण बाजार में आवक कम है। इसके अलावा प्लांट वालों की ओर से सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (डीओसी) की जाड़े की मांग बढ़ी है। बाकी खाद्यतेलों से सस्ता होने से भी सोयाबीन तेल की मांग है। इन परिस्थितियों के बीच सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन में आया सुधार, बृहस्पतिवार के बंद भाव के मुकाबले है लेकिन दरअसल इस सुधार के बावजूद अपने न्यूनतम सामर्थन मूल्य (एमएसपी) से सोयाबीन का हाजिर दाम लगभग 12-14 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।

सूत्रों ने कहा कि इन सबके बावजूद सरकार और तेल संगठनों को आयातकों द्वारा लागत से नीचे दाम पर सोयाबीन डीगम तेल की बिकवाली को लेकर गंभीर होना पड़ेगा नहीं तो लंबे समय से जारी इस घाटे के कारोबार का असर तेल उद्योग, किसान और आयातकों के लिए भारी बैठ सकता है। इस लागत से नीचे दाम की बिकवाली से बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भी अच्छा दबाव है जो तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रयास के हिसाब से नुकसानदेह हो सकता है।

सूत्रों ने कहा कि सटोरिये पाम-पामोलीन का दाम ऊंचा बोल रहे हैं पर इस ऊंचे दाम पर लिवाल नहीं हैं। ठंड के मौसम में जमने की प्रवृति की वजह से जाड़े में पाम-पामोलीन की मांग कमजोर ही रहती है। लेकिन भाव ऊंचा बोले जाने से पाम-पामोलीन में सुधार दिख रहा है। विदेशी तेलों के दाम मजबूत रहने के बीच बिनौला तेल में भी सुधार आया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,925-6,975 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,450-6,825 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,500 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,485-2,785 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,275 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,395-2,495 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,395-2,540 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,325 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,375 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,875-4,925 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,575-4,625 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण