मांग के समर्थन से खद्य तेलों में तेजी; सरसों, मूंगफली, सोयाबीन दाना भी तेज

मांग के समर्थन से खद्य तेलों में तेजी; सरसों, मूंगफली, सोयाबीन दाना भी तेज

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  • Publish Date - March 27, 2021 / 01:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) विदेशों में बाजार टूटने और वहां से आने वाली खेप में कमी के बीच स्थानीय खाद्य तेल बाजार में मांग के समर्थन से शनिवार को तेल-तिलहनों में तेजी का रुझान दिखा।

दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में तेल सरसों, तिल, सोयाबीन और पामोलीन के भाव चढ़े हुए थे। तिलहनों में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन दाना में भी तेजी का रुख था। सोया​बीन की डीऑयल्ड खल की भारी मांग से इसका बाजार चटका हुआ है।

तेल मूंगफली साल्वेंट नीचे-ऊपर में दस—दस रुपये प्रति टिन तेज बोला गया। सरसों दादरी प्रति क्विंटल 50 रुपये और सरसों कच्ची तथा पक्की घानी के भाव दस-दस रुपये टिन तेज रहे।

तिल मिल डिलिवरी में भी नीचे-ऊपर में प्र​ति क्विंटल दस-दस रुपये की तेजी दिखी। सोयाबीन डीगम के भाव बीस से 25 रुपये प्र​ति क्विंटल चढ़े हुए थे।

पामेलीन दिल्ली और कांडला में दस—दस रुपये की तेजी दिखी।

तिलहनों में सरसों प्रति क्विंटल दस रुपये, मूंगफली दाना 20 रुपये और सोयाबीन दाना 50 रुपये तक कड़क हो गया।

मक्का खल सरिस्का 3,605 रुपये के पहले के स्तर पर बनी हुई थी। अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्ववत बने हुए थे।

मलेशिया और शिकॉगो बाजार पिछले दिनों टूटे हुए थे

सूत्रों ने कहा कि ‘विदेशों में बाजार टूटने पर भी स्थानीय बाजार पर कोई खास फर्क नहीं है क्योंकि आयात अब भी महंगा पड़ रहा है। स्थानीय बाजार में खासकर सरसों तेल के सस्ता पड़ने से सोयाबीन डीगम का आयात कम हो रहा है और आयातित माल की पाइपलाइन खाली है। ‘

खाद्य तेल उद्योग के सूत्रों ने कहा कि इस समय सरसों का पुराना स्टॉक खत्म है जबकि खपत ज्यादा है। उनका अनुमान है कि दिवाली तक सरसों की किल्लत पड़ सकती ​है। ऐसे में सरकार की एजेंसी नाफेड को इस समय सरसों की नयी फसल की बाजार भाव पर खरीद कर स्टॉक करना चाहिए। उनका कहना है कि इससे सरकार को किसानों को लाभदायक दाम दिलाने के साथ-साथ पर सर्दियों में तेजी के समय बाजार में हस्तक्षेप करने में भी असानी होगी।

उनका यह भी कहना है कि इस समय सरसों तेल की रिफाइनिंग में इस्तेमाल रोक लगानी चाहिए। अन्य तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों का रिफाइंड भी बनाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नये सत्र में सरसों की उपज और स्टॉक की स्थिति को देखते 1980-1990 के दशक की तरह सरसों रिफाइंड पर पाबंदी होनी चाहिये।

बाजार सूत्रों के अनुसार इस समय सोयाबीन का भाव पहली बार सरसों से ऊपर निकल गया है। महाराष्ट्र में सोयाबीन 6,200 रुपये क्विंटल हाजिर में तथा जून का भाव 6,401 रुपय तक चला गया है जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है।

तेल उद्योग के सूत्रों ने बताया बड़ी बनाने वाली इकाइयों ने दिल्ली में सोयाबीन दाना की अच्छी क्वॉलिटी के लिए 7,000 रुपये तक के भाव के सौदे किए हैं।

तेल उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल सरसों का 89.5 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 5,860 – 5,910 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना – 6,225 – 6,290 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,250 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,470- 2,530 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,035 -2,125 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,165 – 2,280 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 14,560 – 17,560 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,820 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,420 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,410 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,160 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,160 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 6,000 – 6,050 रुपये:

सोयाबीन लूज 5,900—5950 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 3,605 रुपये।

भाषा मनोहर अजय

अजय