आयातित तेलों के भाव में भारी गिरावट |

आयातित तेलों के भाव में भारी गिरावट

आयातित तेलों के भाव में भारी गिरावट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : July 4, 2022/6:58 pm IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में भारी गिरावट के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सभी तेल-तिलहनों की कीमतें नीचे आईं।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सुबह के कारोबार में लगभग आठ प्रतिशत की गिरावट आने से तेल-तिलहनों के भाव औंधे मुंह जा गिरे। शिकॉगो एक्सचेंज सोमवार को बंद है। इस जोरदार गिरावट से विशेषकर सोयाबीन डीगम, सीपीओ, पामोलीन जैसे आयातित तेलों के दाम पिछले एक महीने में लगभग 35-40 प्रतिशत टूटे हैं। देशी तेलों के दाम पहले से मंदा चल रहे थे इसलिए गिरावट के दबाव में दाम तो टूटे हैं, पर आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल की गिरावट मामूली है।

सूत्रों ने कहा कि बिनौला में कारोबार लगभग समाप्त हो चला है और नमकीन बनाने वाली कंपनियां या गुजरात में उपभोक्ता बिनौला तेल की कमी को मूंगफली से पूरा कर रहे हैं। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि आयातकों की हालत बहुत खराब है और बंदरगाहों पर उनका माल पड़ा है। आयातक पहले ही बाजार के दाम टूटने से कम भाव पर बिक्री को मजबूर थे। सोमवार की भारी गिरावट ने उनकी कमर तोड़ दी है और ‘‘बैंकों से इन आयातकों द्वारा लिया गया कर्ज का डूबने की आशंका पैदा हो गई है।’’

सूत्रों ने कहा कि इस बीच सरकार द्वारा तेल रिफाइनिंग (उपभोक्ताओं को बिक्री करने वाले) करने वाली आयातक कंपनियों को साल भर में 20 लाख टन सूरजमुखी और 20 लाख टन सोयाबीन डीगम का शुल्कमुक्त आयात करने की छूट देने से आयातकों की स्थिति और बदहाल हो गयी है।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की उपलब्धता लगातार कम हो रही है और इसकी मांग ठीक ठाक है, इसलिए गिरावट का असर इसपर अधिक नहीं आया है।

सूत्रों ने कहा कि आयातक हर तरफ से परेशान हैं क्योंकि पहले डॉलर के जिस भाव पर उन्होंने खाद्य तेल आायत का अनुबंध किया था, रुपये के मूल्य में गिरावट के कारण उस बैंक कर्ज के लिए उन्हें अब अधिक धनराशि का भुगतान करने का संकट आ गया है।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों के मामले में अनिश्चितता को केवल तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाकर ही दूर किया जा सकता है।

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,385-7,435 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,765 – 6,890 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,710 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,635 – 2,825 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,360-2,440 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,400-2,505 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,350-6,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,100- 6,150 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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