नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंटेनर निगम लि. (कॉनकॉर) की रणनीतिक बिक्री चालू वित्त वर्ष में नहीं होगी। इसका कारण यह है कि रेलवे की जमीन उपयोग नीति को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने यह कहा।
उन्होंने कहा कि किसी भी रणनीतिक बिक्री को पूरा होने में रुचि पत्र (ईओआई) जारी होने की तारीख से करीब एक साल लगता है।
कॉनकॉर के लिये निजीकरण के बाद रेल भूमि के उपयोग को लेकर रेल मंत्रालय द्वारा नीति को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसीलिए अबतक रुचि पत्र जारी नहीं किया गया है।
पांडेय ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कंटेनर निगम लि. की रणनीतिक बिक्री इस साल नहीं होगी। इसमें रुचि पत्र जारी होने से लेकर पूरी प्रक्रिया में नौ महीने से एक साल का समय लगता है। हमें उम्मीद कर रहे थे कि रुचि पत्र जारी कर दिया जाएगा लेकिन यह जमीन की नीति से जुड़ा है। जैसे ही हम इसका समाधान कर देते हैं, हम कदम बढ़ाएंगे।’’
उल्लेखनीय है कि नवंबर, 2019 में मंत्रिमंडल ने कॉनकॉर में प्रबंधन नियंत्रण के साथ कुल 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री की मंजूरी दी थी। सरकार हिस्सेदारी बिक्री के बाद 24 प्रतिशत हिस्सेदारी बरकरार रखेगी।
प्रस्तावित निजीकरण वाले अन्य केंद्रीय लोक उपक्रमों के बारे में पांडेय ने कहा कि उन्हें सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि., पोत परिवहन निगम, बीईएमएल, नीलांचल इस्पात निगम लि., पवन हंस और बीपीसीएल की बिक्री चालू वित्त वर्ष में पूरी होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में सरकार वित्तीय बोली के चरण में पहंच गयी है। जबकि अन्य पांच केंद्रीय लोक उपक्रमों के मामले में जांच-परख और शेयर खरीद समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
भाषा रमण अजय
अजय
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