मुंबई, 19 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 2024-25 के लिए मजबूत वृद्धि माहौल और जीडीपी अनुमान के चलते मूल्य स्थिरता पर ध्यान देने की गुंजाइश मिली है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नीतिगत दर में यथास्थिति बनाये रखने के लिए मतदान करते हुए यह बात कही।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया।
मुद्रास्फीति पर चिंताओं के बीच रेपो दर फरवरी 2023 से इसी स्तर पर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को एमपीसी बैठक का विवरण जारी किया।
दास ने कहा, ”मुद्रास्फीति को कम करने के लिए पिछले दो वर्षों में जो लाभ हुआ है, उसे बरकरार रखना होगा। टिकाऊ आधार पर सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य तक लाने के लिए काम करना होगा।”
एमपीसी के छह सदस्यों में पांच ने नीतिगत दर में यथास्थिति के पक्ष में मतदान किया था।
एमपीसी सदस्य जयंत आर वर्मा ने हालांकि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की वकालत की थी। उनकी दलील थी कि अधिक ब्याज दर से वृद्धि प्रभावित होती है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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