नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि कोयला मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा खदान जल संसाधनों के सतत इस्तेमाल से नौ राज्यों के 981 गांवों के 17.7 लाख लोगों को फायदा पहुंचा है।
कोयला खनन कार्यों के दौरान खदान का पानी बड़ी मात्रा में खदान की हौदी (पानी का भूमिगत टैंक) में जमा हो जाता है।
यह पानी कई सामुदायिक उद्देश्यों को पूरा करता है, जिसमें घरेलू तथा पेयजल की आपूर्ति, कृषि क्षेत्रों की सिंचाई, भूजल पुनःपूर्ति, धूल दमन और भारी मशीनरी की धुलाई जैसे विभिन्न औद्योगिक इस्तेमाल शामिल हैं।
कोयला मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘ वित्त वर्ष 2022-23 में सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) ने करीब 8,130 लाख घनमीटर खदान पानी छोड़ा, जिसमें से 46 प्रतिशत घरेलू तथा सिंचाई उद्देश्यों जैसे सामुदायिक उपयोग के लिए आवंटित किया गया, 49 प्रतिशत आंतरिक घरेलू तथा औद्योगिक जरूरतों के लिए और छह प्रतिशत भूजल पुनर्भरण पहल के लिए रखा गया।’’
पीने और सिंचाई उद्देश्यों के लिए खदान के पानी की उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए कई उपचार विधियों का इस्तेमाल किया गया। पूरे वर्ष समुदायों को सुरक्षित तथा स्वच्छ जल तक पहुंच प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
भाषा निहारिका अजय
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