करों के बोझ से परिवारों का उपभोग प्रभावित: इंडिया रेटिंग्स

करों के बोझ से परिवारों का उपभोग प्रभावित: इंडिया रेटिंग्स

करों के बोझ से परिवारों का उपभोग प्रभावित: इंडिया रेटिंग्स
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: June 8, 2021 11:52 am IST

मुंबई, आठ जून (भाषा) कराधान का बोझ, विशेषरूप से सामानों पर लगने वाला अप्रत्यक्ष कर परिवारों को उपभोग पर अधिक खर्च करने से रोक रहा है। एक घरेलू रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को यह बात कही।

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि हाल के समय में परिवारों पर कर

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का बोझ बढ़ा है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कॉरपोरेट के लिए आयकर दर को सुसंगत किया गया है। लेकिन परिवारों के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है और उन्हें ऊंचा कर ही अदा करना पड़ रहा है।

इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि परिवारों पर कर के बोझ से उपभोग या खपत में सुधार प्रभावित हो सकता है। महामारी से पहले ईधन पर उत्पाद शुल्क के जरिये अप्रत्यक्ष कर में वृद्धि और दूसरी लहर

से लोग प्रभावित हुए हैं।

इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि परिवारों पर कर का कुल बोझ बढ़कर 75 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2009-10 में 60 प्रतिशत था। इसकी मुख्य वजह ईंधन पर ऊंचा उत्पाद शुल्क और कॉरपोरेट कर की दरों में कमी है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कंपनी कर की दर को रोजगार सृजन और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल करने की दृष्टि से सुसंगत बनाया गया है। उसने इस कदम का समर्थन करते हुए इसे बेहतर बदलाव बताया, क्योंकि इससे हमारी निर्यात प्रतिस्पर्धा प्रभावित हुई है।

इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि करों, विशेषरूप से अप्रत्यक्ष करों की वजह से परिवारों की स्थिति खराब हुई है। उत्पाद शुल्क में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए है और इससे परिवारों का बजट प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप दोनों तरीके से प्रभावित हो रहा है।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर


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