कंपनियों के बोर्ड में स्थायी रूप से बने रहने का चलन होगा समाप्त, खुलासा नियम होंगे कड़े |

कंपनियों के बोर्ड में स्थायी रूप से बने रहने का चलन होगा समाप्त, खुलासा नियम होंगे कड़े

कंपनियों के बोर्ड में स्थायी रूप से बने रहने का चलन होगा समाप्त, खुलासा नियम होंगे कड़े

:   Modified Date:  March 29, 2023 / 08:37 PM IST, Published Date : March 29, 2023/8:37 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और जरूरी जानकारी का खुलासा समय पर सुनिश्चित करने के लिये नियमों में संशोधन का निर्णय किया।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के बयान के अनुसार निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया कि जरूरी जानकारी के खुलासे के लिये समयसीमा का कड़ाई से पालन होगा।

साथ ही नियामक ने सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में व्यक्तियों के लिये स्थायी तौर पर सीट की व्यवस्था को भी समाप्त करने का निर्णय किया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘ सूचीबद्ध कंपनियों के लिये बाजार अफवाहों का सत्यापन करना और जो भी स्थिति हो, उसके अनुसार उसकी पुष्टि या उसे खारिज करना होगा। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 कंपनियों के लिये यह व्यवस्था एक अक्टूबर, 2023 से लागू होगी। वहीं बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 सूचीबद्ध कंपनियों के लिये यह एक अप्रैल, 2024 से लागू होगी।’’

सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये सेबी ने कहा कि किसी सूचीबद्ध इकाई के शेयरधारक को दिये गये किसी विशेष अधिकार के लिये समय-समय पर शेयरधारकों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी ताकि विशेष अधिकारों के लंबे समय तक बने रहने के मुद्दे का समाधान किया जा सके।

एक सूचीबद्ध इकाई के निदेशक मंडल में बने रहने के लिये शेयरधारकों की समय-समय पर मंजूरी की जरूरत होगी। इसका उद्देश्य निदेशक मंडल में स्थायी तौर पर बने रहने के चलन को समाप्त करना है।

अन्य बातों के अलावा, नई सूचीबद्ध कंपनियों के पहले वित्तीय परिणाम की घोषणा को लेकर समयसीमा को दुरुस्त किया जाएगा ताकि सूचीबद्धता के बाद वित्तीय परिणाम को तत्काल प्रस्तुत करने में आने वाली चुनौतियों को दूर किया जा सके। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय परिणाम प्रस्तुत करने में कोई चूक न हो।

सेबी ने यह भी कहा कि सूचीबद्ध संस्थाओं को निदेशकों, अनुपालन अधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के पदों के रिक्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर उस पर नियुक्ति करनी होगी।

नियामक ने प्रतिभूति बाजार में निवेशक शिकायत निवारण व्यवस्था को मजबूत करने के लिये भी कदम उठाया है। इसके तहत पंजीकृत मध्यस्थों और विनियमित संस्थाओं के निवेशकों के लिये ऑनलाइन विवाद समाधान व्यवस्था चालू करने का निर्णय किया गया है।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

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