8th Pay Commission Updates: क्या आपकी तनख्वाह भी होने वाली है दोगुनी? 8वें वेतन आयोग का ToR और Fitment Factor का ऐसा रहस्य, जिसे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान!
केंद्र सरकार एक जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू कर सकती है। 8वें वेतन आयोग के लिए ToR मंजूर होने के बाद काम शुरू हो चुका है। ToR वेतन सुधार की रूपरेखा तय करता है, जबकि फिटमेंट फैक्टर सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी की गणना का आधार होता है।
(8th Pay Commission Updates / Image Credit: Pixabay)
- 8वें वेतन आयोग ने औपचारिक रूप से काम शुरू किया।
- सिफारिशें 18 महीनों के भीतर सरकार को सौंपनी हैं।
- फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच रहने का अनुमान।
नई दिल्ली: 8th Pay Commission Updates: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद आयोग ने आधिकारिक तौर पर काम शुरू कर दिया है। सरकार ने आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इन सिफारिशों का सीधा असर लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों पर पड़ेगा।
ToR क्या है और क्यों होता है जरूरी?
किसी भी वेतन आयोग का पूरा ढांचा ToR (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) पर आधारित होता है। सरल भाषा में कहें, तो ToR वह दस्तावेज है जिसमें यह तय होता है कि आयोग किन-किन विषयों पर समीक्षा करेगा।
8वें वेतन आयोग के ToR में शामिल प्रमुख बिंदु-
- कर्मचारियों की बेसिक सैलरी
- पेंशन संरचना
- महंगाई भत्ता (DA), HRA
- फिटमेंट फैक्टर
- अन्य आर्थिक लाभ
फिटमेंट फैक्टर क्यों है सबसे बड़ा मुद्दा?
नई बेसिक सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर सबसे अहम भूमिका निभाता है। कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी को इसी फैक्टर से गुणा किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। वहीं, 8वें वेतन आयोग में ये फैक्टर 1.83 से 2.86 रहने की संभावना है। फैक्टर जितना बड़ा होगा, बेसिक सैलरी में उतनी अधिक बढ़ोतरी होगी।
आसान उदाहरण से समझें नया वेतनमान
यदि आपकी वर्तमान बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है-
- 2.86 फिटमेंट फैक्टर पर नई बेसिक: लगभग 71,500 रुपये
- 1.83 फिटमेंट फैक्टर पर नई बेसिक: लगभग 32,940 रुपये
इससे यह स्पष्ट है कि छोटे बदलाव से सैलरी में बड़ा फर्क पड़ता है।
पेंशनर्स को भी होगा बड़ा फायदा
नई सिफारिशों का लाभ पेंशनधारकों को भी मिलेगा। यदि वर्तमान बेसिक पेंशन 9,000 रुपये है, तो नए फिटमेंट फैक्टर से यह बढ़कर 25,740 रुपये तक जा सकती है। यानी पेंशन में लगभग 3 गुना वृद्धि संभव है।
8वें वेतन आयोग का मुख्य काम
आयोग का उद्देश्य मौजूदा वेतन प्रणाली की समीक्षा करना, वेतन मैट्रिक्स में सुधार सुझाना और महंगाई के अनुरूप नया वेतन ढांचा तैयार करना है। साथ ही यह पेंशन सिस्टम को भी अपडेट करता है। यदि प्रक्रिया समय पर पूरी हुई, तो 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू हो सकता है।
किस लेवल पर कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
लेवल-1 (बेसिक: 18,000 रुपये)
- 1.83 फैक्टर: 32,940 रुपये
- 2.46 फैक्टर: 44,280 रुपये
लेवल-5 (बेसिक: 29,200 रुपये)
- 1.83 फैक्टर: 53,416 रुपये
- 2.46 फैक्टर: 71,923 रुपये
लेवल-10 (बेसिक: 53,100 रुपये)
- 1.83 फैक्टर: 97,059 रुपये
- 2.46 फैक्टर: 1,30,000 रुपये
कुल 30-34% तक बढ़ सकती है कमाई
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद बेसिक सैलरी के साथ HRA, TA, DA (नई बेसिक के आधार पर) और पेंशन सबमें बड़ा उछाल आएगा। अनुमान है कि कुल सैलरी में 30-34% तक की बढ़ोतरी संभव है।
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