टावर मामला: एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर जियो के आरोपों को आधारहीन, बेतुका बताया

टावर मामला: एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर जियो के आरोपों को आधारहीन, बेतुका बताया

टावर मामला: एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर जियो के आरोपों को आधारहीन, बेतुका बताया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: January 2, 2021 10:32 am IST

नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल ने टावरों को हाल ही में पहुंचाये गये नुकसान के मामले में दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर प्रतिस्पर्धी कंपनी रिलायंस जियो के आरोपों को बेबुनियाद व बेतुका करार दिया है।

जियो ने आरोप लगाया था कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां प्रदर्शनकारियों को उसके टावरों को नुकसान पहुंचाने के लिये उकसा रही हैं।

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को बताया कि जियो ने अपने आरोपों के साथ कोई सबूत नहीं दिया है। कंपनी ने कहा कि जियो इस बात का कोई सबूत नहीं दे पायी है कि उसके टावरों को किये गये नुकसान में भारती की कोई भूमिका है। अत: अवमानना के साथ जियो के आरोपों को खारिज किया जाना चाहिये।

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एयरटेल द्वारा दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश को लिखे पत्र में कहा गया है कि कंपनी पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध के कारण रिलायंस जियो की सेवाओं को बाधित करने के संदर्भ में उसके (जियो) द्वारा 28 दिसंबर को विभाग को की गयी एक शिकायत से अवगत है।

एयरटेल ने कहा कि इसी तरह का आरोप जियो ने दिसंबर में पहले दूरसंचार नियामक को लिखे एक पत्र में लगाया था, जिसका कंपनी ने जवाब दिया था।

भारती एयरटेल के मुख्य नियामकीय अधिकारी (सीआरओ) राहुल वत्स ने डीओटी को 28 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, ‘‘जियो का यह आरोप कि टावरों के साथ तोड़फोड़ कर ग्राहकों को एयरटेल में स्विच करने पर मजबूर करने के लिये एयरटेल किसान आंदोलन के पीछे खड़ी है, अपने आप में बेतुका है।’’

एयरटेल ने कहा, जियो की शिकायत का कोई सबूत नहीं है कि उसके समक्ष खड़ी हो रही दिक्कतों में एयरटेल का कोई हाथ है। एयरटेल ने कहा, ‘‘वास्तव में, हम इस बात से चकित हैं। जियो ऐसा सोच भी कैसे सकती है कि उसके ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिये एयरटेल के पास इतनी शक्ति है। यदि हमारे पास यह शक्ति थी, तो हमने पिछले तीन वर्षों में इसका प्रयोग किया होता, जब जियो के पास हमारे लाखों ग्राहक जा रहे थे।’’

इस बारे में जब पीटीआई-भाषा ने रिलायंस जियो से ईमेल के जरिये संपर्क किया तो कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ।

भाषा सुमन अजय

अजय


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