ट्राई के प्रमुख ने कहा, दूरसंचार का भविष्य उज्ज्वल, ऑपरेटरों के पेशेवर रवैये पर पूरा भरासा

ट्राई के प्रमुख ने कहा, दूरसंचार का भविष्य उज्ज्वल, ऑपरेटरों के पेशेवर रवैये पर पूरा भरासा

ट्राई के प्रमुख ने कहा, दूरसंचार का भविष्य उज्ज्वल, ऑपरेटरों के पेशेवर रवैये पर पूरा भरासा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: September 28, 2020 12:32 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर एस शर्मा का मानना है कि दूरसंचार क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि सेवाओं के लिए मजबूत मांग और खुद को बदलावों के अनुरूप ढालने की क्षमता की वजह से यह क्षेत्र आगे तरक्की करेगा।

शर्मा ने कहा कि उन्हें दूरसंचार ऑपरेटरों के पेशेवर रवैये पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि ‘प्रतिस्पर्धा खेल का नाम है’ और मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी मूल्य जारी रहेगा। ट्राई में शर्मा का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो रहा है।

ट्राई के प्रमुख ने कहा, ‘‘सभी क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव और बदलाव आता है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस क्षेत्र ने न केवल बढ़ती मांग को बेहतर तरीके से संभाला, बल्कि ट्रैफिक के तरीके में आए बदलाव का भी अच्छी तरह से प्रबंधन किया। महामारी के समय नेटवर्क का लोड उपक्रमों के परिसरों से घरों की ओर स्थानांतरित हो गया।’’

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शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अन्य क्षेत्रों की तरह दूरसंचार क्षेत्र को मांग में कमी का सामना नहीं करना पड़ा। यह क्षेत्र चमक रहा है और इसका भविष्य उज्ज्वल है। हर कोई इसका बेहतर तरीके से प्रबंधन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी मूल्य जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के कई अन्य फायदे होते हैं। मसलन इससे दक्षता बढ़ती है, सेवाएं बेहतर होती हैं और लागत दक्ष उपाय लागू किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बाजार अपना ख्याल स्वयं रख सकता है। यदि बाजार में मुक्त तरीके से खेल हो रहा है, हमें मुक्त बाजार प्रणाली पर विश्वास है। यदि बाजार में विफलता नहीं होती है, तो किसी को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाजार जब तक विफल नहीं होता है, उसमें अनावश्यक तरीके से नियमन की जरूरत नहीं है।’’

शर्मा के कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कई तरह के मसलन मुफ्त सेवाएं, इंटरकनेक्शन, कॉल जोड़ने का शुल्क और नेट निरपेक्षता के मुद्दे आए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नियामक हमेशा ‘पूरी तरह से उद्देश्यपूर्ण’ रुख अपनाता और निष्पक्ष तरीके से काम करता है।

कई बार नियामक की सिफारिशें मसलन शुल्कों में कमी को सभी अंशधारक अच्छे से लेते हैं। वहीं कुछ सिफारिशों का ज्यादातर द्वारा विरोध किया जाता है। शर्मा ने कहा, ‘‘कुछ सिफारिशें ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि इससे कुछ खिलाड़ियों को नुकसान होगा। वहीं अन्य को लगता है कि इससे उन्हें फायदा होगा।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘जब हम कोई फैसला करते हैं तो पहले से यह अनुमान नहीं लगाते कि इससे किसको फायदा होगा किसको नुकसान। हम ट्राई के लिए तय उद्देश्यों के हित को देखते हैं और उसके बाद फैसला करते हैं।’’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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