ट्राई ने उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम शुल्क को पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव नकारा
ट्राई ने उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम शुल्क को पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव नकारा
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने सोमवार को दूरसंचार विभाग के उस प्रस्ताव को नकार दिया, जिसमें उपग्रह संचार (सैटकॉम) कंपनियों से चार प्रतिशत की जगह पांच प्रतिशत वार्षिक स्पेक्ट्रम शुल्क वसूलने की बात कही गई थी। इसमें शहरी क्षेत्रों में प्रति कनेक्शन 500 रुपये का शुल्क हटाने का प्रस्ताव भी था।
दूरसंचार विभाग ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की उन सिफारिशों में बदलाव की मांग की थी, जो एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक, भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब और जियो एसईएस जैसी कंपनियों के लिए उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम के आवंटन और शुल्क निर्धारण से जुड़ी हैं। ये सैटकॉम कंपनियां भारत में अपनी इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की तैयारी में हैं।
विभाग ने ट्राई से चार प्रतिशत वार्षिक स्पेक्ट्रम शुल्क की सिफारिश पर पुनर्विचार कर पांच प्रतिशत करने का सुझाव दिया था। यह सुझाव भी दिया था कि अगर कंपनी के एक वर्ष में पांच प्रतिशत ग्राहक सीमावर्ती एवं दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मुश्किल इलाकों से हों, तो एक प्रतिशत की छूट दी जाए, और यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाए तो प्रति ग्राहक 500 रुपये का शुल्क भी हटा दिया जाए।
ट्राई ने दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव पर कहा, ”सरकार एफएसएस (फिक्स्ड सैटेलाइट सर्विसेज) का लाभ उठाने के लिए किसी भी अतिरिक्त योजना को अपना सकती है, ताकि कठिन और दूरस्थ क्षेत्रों – जैसे पहाड़ी इलाकों, सीमाई क्षेत्रों और द्वीपों—में तेज और किफायती ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार किया जा सके।”
भाषा पाण्डेय प्रेम
प्रेम

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