परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने की जरूरत, इथेनॉल पर सरकार का जोरः गडकरी |

परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने की जरूरत, इथेनॉल पर सरकार का जोरः गडकरी

परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने की जरूरत, इथेनॉल पर सरकार का जोरः गडकरी

:   Modified Date:  January 9, 2023 / 10:43 AM IST, Published Date : January 9, 2023/10:33 am IST

नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि देश को अपना परिवहन उद्योग जल्द कार्बन-मुक्त करने की जरूरत है क्योंकि भारत के पास जैव ईंधन के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है।

गडकरी ने ‘चीनी मंडी’ द्वारा आयोजित चीनी एवं इथेनॉल सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय परिवहन क्षेत्र की 80 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात से पूरा किया जा रहा है। इस पर आने वाली लागत देश में 16 लाख करोड़ रुपये सालाना से अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘यह एक आर्थिक और पर्यावरण समस्या है। परिवहन क्षेत्र भी 90 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। परिवहन क्षेत्र को कार्बन-मुक्त करने की तत्काल आवश्यकता है। केंद्र सरकार किफायती लागत, प्रदूषण-मुक्त तरीके से इन आयातों की जगह लेने के लिए सक्रिय रूप से जैव-ईंधन और संपीड़ित बायो-गैस को अपना रही है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”सरकार जैव ईंधन के उत्पादन और इसके चारों ओर एक स्थायी परिवेश के निर्माण के लिए नीतिगत ढांचे को प्रोत्साहित कर रही है। केंद्र ईंधन के रूप में इथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। खासकर जब यह चावल, मक्का और गन्ने जैसे खाद्यान्नों से उत्पन्न होता है जो अतिवृष्टि और क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। हम जैव ईंधन के मामले में दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त चीनी, चावल और मक्का के भंडार के कुशल उपयोग के साथ-साथ बांस और कृषि जैव सामग्री जैसे कपास और पुआल से दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल का निर्माण भारत में ईंधन परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है।

भाषा रिया प्रेम

प्रेम