Trump Tariffs: ग्लोबल इकोनॉमी पर ट्रंप का झटका! भारत समेत 100 देशों पर भारी पड़ेगा नया टैरिफ प्लान?
Trump Tariffs: ग्लोबल इकोनॉमी पर ट्रंप का झटका! भारत समेत 100 देशों पर भारी पड़ेगा नया टैरिफ प्लान?
(Trump Tariffs, Image Credit: Donald j.Trump insta)
- अमेरिका 1 अगस्त 2025 से 100 देशों पर 10% टैरिफ लगाएगा।
- भारत, जापान और यूरोपीय देशों के लिस्ट में शामिल होने की संभावना है।
- भारत को 26% टैरिफ निलंबन की समयसीमा 9 जुलाई तक की मिली है।
Trump Tariffs: 1 अगस्त 2025 से अमेरिका ने एक बड़ा व्यापारिक कदम उठाते हुए करीब 100 देशों से होने वाले आयात पर 10% का पारस्परिक टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। इस कदम को ग्लोबल ट्रेड पॉलिसी में एक बड़े रीस्ट्रक्चरिंग के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने इसकी पुष्टि की है।
सभी देशों पर समान टैरिफ लागू होगा
ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में स्कॉट बेसेंट ने बताया कि यह टैरिफ सिर्फ उन्हीं देशों पर नहीं लागू होगा जो अमेरिका के साथ प्रत्यक्ष व्यापार विवाद में हैं, बल्कि उन देशों पर भी लागू होगा जो फिलहाल बातचीत की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि, ‘हम लगभग 100 देशों पर 10% न्यूनतम टैरिफ लागू करेंगे और वहीं से नीति को आगे बढ़ाएंगे।’
ट्रंप ने 12 देशों को भेजा प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने 12 देशों को एक सख्त प्रस्ताव वाला पत्र भेजा है जिसमें नए टैरिफ स्तर स्पष्ट किए गए हैं। हालांकि देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए, लेकिन खबरों के मुताबिक भारत, जापान और यूरोपीय संघ के कई सदस्य इस लिस्ट में शामिल हैं। इस कदम को दशकों की सबसे आक्रामक ट्रेड पॉलिसी शिफ्ट के रूप में माना जा रहा है।
नया टैरिफ भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है
इस टैरिफ नीति से भारत को तत्काल प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लागू 26% टैरिफ निलंबन की अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। यदि उस समय तक कोई नई ट्रेड डील नहीं होती, तो 1 अगस्त से भारतीय निर्यात पर ज्यादा शुल्क लागू हो सकता है।
व्यापारिक चर्चा तेज
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक चर्चा तेज हुई है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट समझौता नहीं हो सका है। मुख्य अड़चन यह है कि भारत पर दबाव कि वह अपने कृषि और डेयरी सेक्टर को आनुवंशिक रूप से संशोधित (GMO) आयात के लिए खोले। वहीं, भारत कहना है कि कपड़ा, चमड़ा और रत्न-जवाहरात जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए अमेरिका और ज्यादा बाजार खोले। इसके अलावा, अमेरिका ने भारत को स्टील टैरिफ में किसी भी तरह की रियायत देने से इनकार कर दिया है।
अब आगे क्या होगा?
अब सबकी नजरें 9 जुलाई और 1 अगस्त के बीच होने वाली वार्ताओं पर टिकी हुई है। यह साफ है कि अगर कोई ठोस डील नहीं हुई, तो भारत सहित दर्जनों देशों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना कठिन हो सकता है।

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