टीएसपीएल के बायोमास संयंत्र से पंजाब में खेतों में आगजनी, पराली जलाने की घटनाएं घटींः वेदांता
टीएसपीएल के बायोमास संयंत्र से पंजाब में खेतों में आगजनी, पराली जलाने की घटनाएं घटींः वेदांता
नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) खनन समूह वेदांता ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके ऊर्जा व्यवसाय उपक्रम ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड’ (टीएसपीएल) के बायोमास विनिर्माण संयंत्र ने पंजाब के मानसा में खेतों में आग लगने की घटनाएं बहुत कम करने में मदद की है और पराली जलाने की घटनाओं भी कमी आई है।
वेदांता पावर के 1,980 मेगावाट क्षमता के तापविद्युत संयंत्र टीएसपीएल ने पंजाब के मानसा में प्रतिदिन 500 टन बायोमास विनिर्माण का संयंत्र स्थापित किया है।
वेदांता समूह ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन के जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मानसा में कटाई के मौसम में पराली जलाने की घटनाओं में काफ़ी कमी आई है। पराली जलाने के मामले वर्ष 2023 के 2,253 से घटकर वर्ष 2024 में 618 रह गए। वर्ष 2025 में यह संख्या और भी कम होकर 306 रह गई।
समूह ने कहा कि इस तरह दो साल में ही मानसा में पराली जलाने की घटनाओं में 87 प्रतिशत और पिछले एक साल में 50.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
मानसा के 244 गांवों में से 104 में इस साल खेतों में आग लगने की कोई भी घटना नहीं हुई है। इनमें हेरॉन कलां और डोडरा जैसे गांव भी शामिल हैं जहां वर्ष 2023 में क्रमशः 45 और 31 मामले हुए थे लेकिन इस साल घटकर ‘शून्य’ रह गए।
टीएसपीएल ने अपने बिजली संयंत्र के पास 500 टन की दैनिक क्षमता वाली पंजाब में ‘टोरेफाइड बायो-पेलेट’ की सबसे बड़ी विनिर्माण इकाई लगाने में अपने साझेदार की मदद की। ‘टोरेफाइड बायो-पेलेट’ ऊर्जा के लिए तैयार किए गए, सुखाए और भुने हुए जैव ईंधन के गोलाकार दाने होते हैं।
बयान के मुताबिक, इस संयंत्र के लगने से कृषि अवशिष्ट, खासकर धान का भूसा, को स्थानीय स्तर पर खरीदकर अधिक मूल्यवान ईंधन स्रोत में बदलने में मदद मिली है। इससे किसानों के लिए एक मजबूत पुनर्खरीद बाजार तैयार हुआ है।
वेदांता लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ऊर्जा) राजिंदर सिंह आहूजा ने कहा, ‘‘धान की पराली का अच्छे से प्रबंधन करना पंजाब की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए बहुत जरूरी है। आस-पास के गांवों के किसानों और पराली से जैव ईंधन मूल्य शृंखला में हमारे साझेदार के साथ मिलकर काम करके, टीएसपीएल ने किसानों के लिए सुनिश्चित आर्थिक फायदे के रास्ते बनाए हैं। इससे मानसा में खेतों में आग लगने की घटनाओं में 87 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिली है।’’
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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