दो माह में दो दर्जन कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी में, 40,000 करोड़ रुपये जुटाएंगी

दो माह में दो दर्जन कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी में, 40,000 करोड़ रुपये जुटाएंगी

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 10:56 AM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 10:56 AM IST

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) कंपनियों के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का आकर्षण तेजी पकड़ रहा है। मर्चेंट बैंकरों का कहना है कि अगले दो माह के दौरान आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, मीशो और जुनिपर ग्रीन एनर्जी समेत दो दर्जन और कंपनियां अपना सार्वजनिक निर्गम लाने की तैयारी कर रही हैं। इन आईपीओ के जरिये करीब 40,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।

इस मजबूत पाइपलाइन में कृत्रिम मेधा (एआई) कंपनी फ्रैक्टल एनालिटिक्स, होम और स्लीप समाधान ब्रांड वेकफिट इनोवेशंस, प्रौद्योगिकी आधारित सुरक्षा और निगरानी कंपनी इनोवेटिवव्यू इंडिया और हॉस्पिटल श्रृंखला पार्क मेडी वर्ल्ड जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

यह स्थिति न केवल कंपनियों के भरोसे को दर्शाती है बल्कि निवेशकों की सूचीबद्धता के दिन के लाभ के साथ दीर्घावधि की संभावना को लेकर विश्वास को भी दर्शाती है।

खास बात यह है आगामी सप्ताहों में बड़ी, मझोली और छोटी सभी आकार की कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।

विशेषज्ञ इस रफ्तार का श्रेय बढ़ती खुदरा भागीदारी और घरेलू स्तर पर बढ़ते प्रवाह को देते हैं। इस साल अब तक 96 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई हैं। इन कंपनियों ने आईपीओ से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इनमें से 40 से ज़्यादा कंपनियां अकेले पिछले तीन महीने में सूचीबद्ध हुई हैं, जो प्राथमिक बाजार में बढ़ती गतिविधियों को दर्शाता है।

इसकी तुलना में, 2024 में 91 सार्वजनिक निर्गम के जरिये कुल 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इसे मजबूत खुदरा भागीदारी, निजी निवेश और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से समर्थन मिला था।

आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख – प्रेफर्ड, थॉमस स्टीफन ने कहा कि दिसंबर में कई आईपीओ आने वाले हैं। इससे 2025 में सार्वजनिक निर्गम के जरिये जुटाई गई राशि का आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है, जो भारतीय प्राथमिक बाजार के लिए नया रिकॉर्ड होगा।

मेवेनार्क के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शांतनु अवस्थी ने इसी तरह की राय जताते हुए कहा कि जो कंपनियां पहले सार्वजनिक निर्गम लाने में हिचकिचाती थीं, अब वे समझ रही हैं कि लगातार वृद्धि के लिए काफी पूंजी की जरूरत होती है।

आईपीओ के जरिये धन जुटाने वाली कंपनियां इस राशि का खर्च अपनी विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने, पूंजीगत व्यय, कर्ज भुगतान और सामान्य कंपनी कामकाज के लिए करेंगी।

भाषा अजय अजय

अजय