नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) निजी क्षेत्र की करीब 67 प्रतिशत कंपनियों के पास कोई समुचित जोखिम प्रबंधन व्यवस्था नहीं है और 52 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अब भी औपचारिक जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया से लैस नहीं हैं। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है।
जोखिम सलाहकार फर्म एमजीसी ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में निजी कंपनियों के पास समुचित जोखिम प्रबंधन व्यवस्था नहीं होने की बात कही है। इस सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत से अधिक कंपनियों का राजस्व आधार 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
एमजीसी ग्लोबल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह सर्वेक्षण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत वरिष्ठ प्रबंधन एवं निदेशक स्तर के 60,000 पेशेवरों के बीच कराया गया था।
इससे पता चला कि करीब 67 प्रतिशत निजी स्वामित्व वाली कंपनियों और 38 प्रतिशत सूचीबद्ध कंपनियों के पास जोखिम प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा कंपनियों के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक न होने से अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने का जोखिम भी बना रहता है।
सर्वेक्षण से पता चलता है कि निजी कंपनियों के करीब 45 प्रतिशत प्रतिभागियों के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशकों का अनुपात एक-तिहाई से भी कम है। इससे अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाने और निर्णय-निर्माण में वस्तुनिष्ठता पर असर पड़ने की आशंका बनी रहती है।
भाषा प्रेम
प्रेम अनुराग
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