नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) आगामी केंद्रीय बजट में लक्षित राजकोषीय समर्थन के जरिये मजबूत घरेलू मांग को सहारा देकर आर्थिक वृद्धि को मजबूती दी जा सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की विकास-उन्मुख मौद्रिक नीति के अनुरूप होगा। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई।
वैश्विक परामर्श फर्म ईवाई की रिपोर्ट कहती है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आयकर और जीएसटी दरों में कटौती होने से राजस्व में कुछ नुकसान हो सकता है। हालांकि, गैर-कर राजस्व से अतिरिक्त प्राप्तियां और राजस्व व्यय में संभावित कटौती से सरकार के लिए राजकोषीय घाटे एवं पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को पूरा करना संभव हो सकता है।
ईवाई ने कहा कि हाल में राजस्व बढ़ाने से जुड़े दो उपाय भी घोषित किए गए हैं, जिनमें तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं जन स्वास्थ्य उपकर शामिल हैं।
संसद ने हाल ही में तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और पान मसाला पर उपकर लगाने से संबंधित दो विधेयकों को पारित किया है। ये कानून अधिसूचित तिथि से लागू होंगे।
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी. के. श्रीवास्तव ने कहा, “आगे चलकर भारत को वृद्धि के समर्थन के लिए अपनी जुझारू घरेलू मांग पर निर्भर रहना पड़ सकता है। आरबीआई की विकास-उन्मुख नीति के साथ वित्त वर्ष 2026-27 के आम बजट से भी पूरक वृद्धि प्रोत्साहन की उम्मीद की जा सकती है।”
वित्त वर्ष 2026-27 के लिए केंद्रीय बजट संसद में एक फरवरी, 2026 को पेश किया जाना प्रस्तावित है।
‘ईवाई इकॉनमी वॉच’ रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में शुद्ध निर्यात का योगदान नकारात्मक बने रहने की आशंका है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध निर्यात का योगदान (-)2.1 प्रतिशत अंक रहा, जो वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में (-)1.4 प्रतिशत अंक था। व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताएं कम होने तक यह प्रभाव बना रह सकता है।
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के मध्यम अवधि में मजबूत वृद्धि बनाए रखने और औसतन 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि घरेलू निजी निवेश में तेजी और वैश्विक आपूर्ति शृंखला से जुड़ी बाधाओं के कम होने से वृद्धि को और समर्थन मिल सकता है।
भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में क्रमशः 7.8 प्रतिशत एवं 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो 2024-25 में 6.5 प्रतिशत थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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