भारत पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि बेहतर दक्षता, साहसिक सुधारों का अवसर: अमिताभ कांत
भारत पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि बेहतर दक्षता, साहसिक सुधारों का अवसर: अमिताभ कांत
नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि भारत को अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को एक चेतावनी के रूप में देखना चाहिए और इसका उपयोग साहसिक व एक पीढ़ी में एक बार होने वाले सुधारों को लागू करने और दीर्घकालिक विकास के लिए अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने के अवसर के रूप में करना चाहिए।
आईआरएस (सीएंडआईटी) एसोसिएशन द्वारा आयोजित बीएन मेमोरियल व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए, कांत ने कहा, ‘यह भारत का युग है, चाहे ट्रंप कोई भी शुल्क लगाएं, मैं दृढ़ता से मानता हूं कि ट्रंप ने हमें सुधारों के लिए एक बहुत बड़ा अवसर दिया है।’
अमेरिका द्वारा रूसी तेल आयात को शुल्क वृद्धि का कारण बताए जाने पर, कांत ने कहा, ‘यह रूसी तेल के बारे में नहीं है। अगर यही मुद्दा होता, तो चीन, रूस से कहीं ज्यादा तेल खरीदता है और तुर्की भी उतना ही तेल खरीदता है।’
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘ट्रंप के शुल्क भारत के लिए एक चेतावनी की घंटी होने चाहिए। यह विडंबना है कि अमेरिका रूस और चीन के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है, जबकि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और फिर भी भारत को शुल्क का निशाना बना रहा है। स्पष्ट रूप से कहा जाए, यह रूसी तेल के बारे में नहीं है… इन वैश्विक झटकों से डरने के बजाय, भारत को इन्हें एक प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए कि हम साहसिक, एक पीढ़ी में एक बार होने वाले सुधारों को लागू करें और साथ ही अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाकर दीर्घकालिक विकास और मजबूती सुनिश्चित करें।’
‘विकसित भारत’ के लक्ष्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘2047 तक भारत का एक पूर्ण विकसित देश बनना कोई दूर का सपना नहीं है, और बहुत कम देश ही एक पीढ़ी के भीतर विकसित राष्ट्र बन पाए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आपको भारत के विकास और प्रगति के लिए एक वैकल्पिक मॉडल तैयार करना होगा, जो केवल दक्षता से ही संभव है।’
भाषा योगेश रमण
रमण

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