अमेरिकी शुल्क से एमएसएमई क्षेत्र पर असर, किफायती घरों की बिक्री होगी प्रभावितः एनारॉक

अमेरिकी शुल्क से एमएसएमई क्षेत्र पर असर, किफायती घरों की बिक्री होगी प्रभावितः एनारॉक

अमेरिकी शुल्क से एमएसएमई क्षेत्र पर असर, किफायती घरों की बिक्री होगी प्रभावितः एनारॉक
Modified Date: August 11, 2025 / 03:16 pm IST
Published Date: August 11, 2025 3:16 pm IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) अमेरिका की तरफ से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने से किफायती आवास क्षेत्र को बड़ा झटका लग सकता है। इस शुल्क से एमएसएमई इकाइयों का कारोबार प्रभावित होगा और उनके कर्मचारियों की आय घटेगी, जो 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों के प्रमुख खरीदार हैं।

रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली कंपनी एनारॉक ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया। इसके मुताबिक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का अमेरिका को होने वाले निर्यात में अहम योगदान है और अधिक शुल्क लगने से उनके उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे ऑर्डर घटने और कर्मचारियों की आय पर असर पड़ने की आशंका है।

आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2025 की पहली छमाही में देश के सात प्रमुख शहरों में बेचे गए 1.9 लाख मकानों में सिर्फ 34,565 किफायती श्रेणी के थे। मौजूदा नियमों के तहत 45 लाख रुपये तक के आवास किफायती श्रेणी में आते हैं।

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रिपोर्ट कहती है कि महामारी के बाद से ही किफायती मकानों की बिक्री और पेशकश में खासी गिरावट आई है।

एनारॉक के कार्यकारी निदेशक (शोध एवं परामर्श) प्रशांत ठाकुर ने कहा, ‘‘कोविड महामारी के बाद से यह श्रेणी पहले ही बुरी तरह प्रभावित है और अब प्रस्तावित अमेरिकी शुल्क इससे लगी थोड़ी-बहुत उम्मीद भी खत्म कर देंगे।’’

सरकारी अनुमान के अनुसार, एमएसएमई भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत और निर्यात में 45 प्रतिशत से अधिक योगदान करते हैं।

रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी शुल्क से इनके कारोबार और कर्मचारियों की आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे किफायती घरों के संवेदनशील खंड में मांग एवं आपूर्ति दोनों प्रभावित होंगी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

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