जीएसटी क्षतिपूर्ति खत्म होने से उत्तराखंड को होगा 5,000 करोड़ रुपये का घाटाः धामी

जीएसटी क्षतिपूर्ति खत्म होने से उत्तराखंड को होगा 5,000 करोड़ रुपये का घाटाः धामी

जीएसटी क्षतिपूर्ति खत्म होने से उत्तराखंड को होगा 5,000 करोड़ रुपये का घाटाः धामी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: June 12, 2022 7:59 pm IST

देहरादून, 12 जून (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इस महीने खत्म होने से राज्य को 5,000 करोड़ रुपये के घाटे की एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

धामी ने यहां उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) की 13 परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा, ‘हमें केंद्र सरकार से मिलनी वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति इस माह बंद हो जाएगी। इसके समाप्त होने से प्रदेश को 5,000 करोड़ रुपये का घाटा हो जाएगा। यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।’

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उन्होंने कहा कि यूपीसीएल ने इस साल 790 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी है और यह भी एक चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपने संसाधन बढाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें सही ढंग से अपने पैरों पर खड़ा होना है और व्यवस्थाओं का समुचित संचालन करना है। हमें इस दिशा में काम करना है कि किस तरह अधिक-से-अधिक राजस्व प्राप्त हो।’

आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण बताते हुए धामी ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं और उसे ‘ऊर्जा प्रदेश’ बनाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है । उन्होंने राजस्व स्रोतों में ऊर्जा को एक अहम स्रोत बताया।

उन्होंने कहा कि गंगा एवं यमुना का उद्गम स्थल होने के कारण उत्तराखंड में जल-विद्युत की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जल-विद्युत परियोजनाओं पर तेजी से कार्य करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

उन्होंने अधिकारियों को बिजली की रोस्टिंग कम-से-कम करने तथा उसके लिए भी समय निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत मीटरों तथा बिजली के बिलों की शिकायतों पर सख्त कारवाई करने को भी कहा।

धामी ने जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य करने को कहा।

भाषा दीप्ति

दीप्ति प्रेम

प्रेम


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