नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) वेदांता एल्युमीनियम ने सोमवार को कहा कि वह वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की अपनी कोशिशों को तेज कर रही है।
शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का आशय उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैस और उत्सर्जन में की गई कटौती की मात्रा के बीच संतुलन स्थापित करने से है।
वेदांता एल्युमीनियम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन स्लेवेन ने कहा, ‘‘यह बहुआयामी दृष्टिकोण पर्यावरण पर सार्थक प्रभाव डालने और अधिक टिकाऊ भविष्य की राह तैयार करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य पाने के लिए कंपनी कटौती की स्पष्ट समयसीमा तय करने, अत्याधुनिक कार्बन पृथक्करण प्रौद्योगिकी को अपनाने, नवीकरणीय ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल और स्थानीय समुदायों के बीच जलवायु जुझारूपन पहल को समर्थन जैसे कदम उठाएगी।
दुबई में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान स्लेवेन ने टिकाऊ अनुप्रयोगों को सक्षम करने में एल्युमीनियम की बढ़ती भूमिका और संपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को उनकी मूल्य श्रृंखलाओं को कार्बन-मुक्त करने में सहायता करने में इसके योगदान पर जोर दिया।
उन्होंने टिकाऊ परिचालन सुनिश्चित करने में कंपनी की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की ग्रीनहाउस गैस गहनता 2021-12 की तुलना में 28 प्रतिशत घट गई है। इस दौरान एल्युमिनियम उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि भी हुई।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वेदांता समूह चार साल में 20 अरब डॉलर का निवेश…
10 hours agoगो फर्स्ट के सभी 54 विमानों का पंजीकरण डीजीसीए ने…
11 hours ago