नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) देश में अगले वित्त वर्ष में भी सेमीकंडक्टर की कमी रहने की आशंका है। ऐसे में टाटा मोटर्स, होंडा और किआ मोटर्स जैसे प्रमुख वाहन निर्माता अपने विनिर्माण संयंत्रों में गतिविधियों को सुचारू बनाये रखने के लिये आपूर्तिकर्ता भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही हैं।
सेमीकंडक्टर मूलत: सिलिकॉन चिप्स होते हैं। वाहन, कंप्यूटर और सेलफोन से लेकर विभिन्न अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में मेमोरी फीचर के लिये इनका इस्तेमाल किया जाता है।
वाहन उद्योग में सेमीकंडक्टर का उपयोग हाल के दिनों में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और ड्राइवर असिस्ट, नेविगेशन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम जैसे फीचरों के साथ वैश्विक स्तर पर बढ़ा है।
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में वाहनों की बढ़ी मांग ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव डाला है, जिससे यह कमी आयी है।
टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने संपर्क किये जाने पर पीटीआई-भाषा को बताया कि ऑटोमोटिव एम्बेडेड इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक कमी सहित आपूर्ति श्रृंखला में कुछ कोविड-19 संबंधित चुनौतियां उद्योग जगत को प्रभावित कर रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘टाटा मोटर्स अपने सभी आपूर्तिकर्ताओं के साथ उत्पादन के प्रभाव को कम करने के लिये उचित कदम उठा रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में वैश्विक उद्योग की चुनौतियां जारी रहने की संभावना है।’’
होंडा कार्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक (विपणन व बिक्री) राजेश गोयल ने कहा कि इसके चलते आने वाले दिनों में उत्पादन संबंधी कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं।
गोयल ने कहा कि इस बीच कंपनी स्थिति का आकलन करने के लिये अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क कर रही है।
किआ मोटर्स ने कहा कि वह स्थिति की निगरानी कर रही है।
एक कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम मोटर वाहन विनिर्माण के लिए ऑटो चिप्स की संभावित आपूर्ति में व्यवधान के बारे में जानते हैं। हम स्थिर आपूर्ति को बनाये रखने के लिये अपने आपूर्तिकर्ता भागीदारों के साथ स्थिति पर नजर रख रहे हैं।’’
भाषा सुमन अजय
अजय
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