वोडाफोन आइडिया का न्यायालय से अतिरिक्त एजीआर मांग को खारिज करने का आग्रह

वोडाफोन आइडिया का न्यायालय से अतिरिक्त एजीआर मांग को खारिज करने का आग्रह

वोडाफोन आइडिया का न्यायालय से अतिरिक्त एजीआर मांग को खारिज करने का आग्रह
Modified Date: September 9, 2025 / 08:00 pm IST
Published Date: September 9, 2025 8:00 pm IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. ने 2016-17 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मांग को रद्द करने का आग्रह करते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।

कंपनी ने याचिका में दूरसंचार विभाग को तीन फरवरी, 2020 के ‘कटौती सत्यापन दिशानिर्देशों’ के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के लिए सभी एजीआर बकाया का ‘व्यापक पुनर्मूल्यांकन और समाधान’ करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

कंपनी ने आठ सितंबर को दायर अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया है।

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इससे पहले, इस साल की शुरुआत में, न्यायालय ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों की याचिकाओं को खारिज करते हुए 2021 के अपने आदेश की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था। याचिका में उनके द्वारा देय समायोजित सकल राजस्व बकाया की गणना में कथित खामियों को सुधारने का अनुरोध किया गया था।

न्यायालय ने 23 जुलाई, 2021 को एजीआर बकाया की गणना में कथित खामियों को सुधारने के आग्रह वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

दूरसंचार कंपनियों ने तर्क दिया था कि गणना में अंकगणितीय खामियों को ठीक किया जाना चाहिए और प्रविष्टियों के दोहराव के मामले भी थे।

न्यायालय ने सितंबर, 2020 में 93,520 करोड़ रुपये के एजीआर से संबंधित बकाया का भुगतान करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए सरकार को अपनी बकाया राशि चुकाने को लेकर 10 वर्ष की समयसीमा तय की थी।

शीर्ष अदालत ने सितंबर, 2020 के अपने आदेश में कहा था कि दूरसंचार परिचालकों को दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए कुल बकाया का 10 प्रतिशत 31 मार्च, 2021 तक भुगतान करना होगा और शेष राशि का भुगतान एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2031 तक वार्षिक किस्तों में करना होगा।

शीर्ष अदालत ने एजीआर बकाया के संबंध में दूरसंचार विभाग द्वारा उठाई गई मांग को अंतिम माना और कहा कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा न तो कोई विवाद उठाया जाना चाहिए और न ही कोई पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने अक्टूबर, 2019 में एजीआर के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया था।

भाषा रमण अजय

अजय


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