थोक महंगाई में नवंबर में 0.32 प्रतिशत की गिरावट

थोक महंगाई में नवंबर में 0.32 प्रतिशत की गिरावट

थोक महंगाई में नवंबर में 0.32 प्रतिशत की गिरावट
Modified Date: December 15, 2025 / 05:10 pm IST
Published Date: December 15, 2025 5:10 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) खाने का सामान, खनिज तेल आदि की कीमतों में कमी से थोक मुद्रास्फीति में नवंबर में गिरावट आई और यह शून्य से नीचे 0.32 प्रतिशत रही। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

हालांकि नवंबर में थोक महंगाई में गिरावट अक्टूबर के मुकाबले कम है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में शून्य से नीचे 1.21 प्रतिशत और नवंबर 2024 में 2.16 प्रतिशत रही थी।

उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों, खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं के उत्पादन और बिजली आदि की कीमतों में कमी से थोक मुद्रास्फीति में गिरावट आई और यह शून्य से नीचे 0.32 प्रतिशत रही।

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डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 4.16 प्रतिशत रही जबकि अक्टूबर में यह 8.31 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर 20.23 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 34.97 प्रतिशत थी।

दालों की कीमतों में नवंबर में 15.21 प्रतिशत की कमी आई जबकि आलू तथा प्याज की कीमतें क्रमशः 36.14 प्रतिशत और 64.70 प्रतिशत घटीं।

विनिर्मित उत्पादों के मामले में नवंबर में मुद्रास्फीति घटकर 1.33 प्रतिशत हो गई जबकि अक्टूबर में यह 1.54 प्रतिशत थी।

ईंधन तथा बिजली की कीमतों की महंगाई दर 2.27 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 2.55 प्रतिशत थी।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि थोक मुद्रास्फीति दर में गिरावट पर तेजी से अंकुश लगा है और यह उम्मीद से अधिक तेज है। यह अक्टूबर 2025 के 1.2 प्रतिशत से घटकर नवंबर 2025 में 0.32 प्रतिशत हो गई है। यह तुलनात्मक आधार प्रभाव, रुपये में गिरावट तथा कुछ जिंसों के दाम में तेजी को बताता है।’’

नायर ने कहा, ‘‘भारतीय मुद्रा में और गिरावट, वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और सब्जियों की कीमतों में बेमौसम वृद्धि के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद हमारा अनुमान है कि दिसंबर 2025 में थोक महंगाई में सालाना आधार पर लगभग 0.5 प्रतिशत रहेगी…।’’

पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में मामूली वृद्धि हुई और यह रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत से बढ़कर 0.71 प्रतिशत हो गई।

खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। इस साल अबतक केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में 1.25 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान पिछले सप्ताह 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। भारत ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत और अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।

भाषा निहारिका निहारिका रमण

रमण


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