विश्व आर्थिक मंच, भारत सरकार ने एसएमई, कृषि के लिए एआई प्लेबुक की पेश
विश्व आर्थिक मंच, भारत सरकार ने एसएमई, कृषि के लिए एआई प्लेबुक की पेश
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) विश्व आर्थिक मंच ने भारत सरकार के सहयोग से छोटे एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) तथा कृषि के लिए बुधवार को एआई प्लेबुक पेश की। साथ ही देश में एआई के जिम्मेदार इस्तेमाल में तेजी लाने के लिए एक एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र भी जारी किया।
विश्व आर्थिक मंच (डबल्यूईएफ) ने कहा कि इन्हें पेशेवर सेवा भागीदार बीसीजी एक्स के सहयोग से तैयार किया गया है। ये भारत में एआई को जिम्मेदारी से समावेशी और बड़े पैमाने पर उपयोग करने के लिए कार्रवाई योग्य ढांचे, क्षेत्रीय खाके और परिवेश मॉडल प्रदान करते हैं।
मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद ने कहा कि भारत की कृत्रिम मेधा (एआई) की यात्रा को इस बात से परिभाषित किया जाना चाहिए कि यह अंतिम छोर पर जीवन को कितनी गहराई से बदल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों को डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि से सशक्त बनाने से लेकर छोटे उद्यमों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने तक, एआई की असली संभावना तभी साकार होगी जब नवाचार को व्यापक रूप से अपनाया जाएगा।’’
विश्व आर्थिक मंच के प्रबंध निदेशक जेरेमी जुर्गेंस ने कहा कि कृषि एवं लघु व्यवसाय में एआई को एकीकृत करने का भारत का प्रयास आर्थिक बदलाव के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
बीसीजी के प्रबंध निदेशक एवं साझेदार गौरव जिंदल ने कहा कि एआई तभी प्रभाव डालता है जब वह प्रयोग करने योग्य, किफायती और विश्वसनीय हो।
उन्होंने कहा, ‘‘ ये सभी रिपोर्ट भारत के लिए प्रायोगिक परीक्षण से लेकर व्यापक स्तर पर अपनाने तक का एक स्पष्ट मार्ग प्रशस्त करती हैं। इसमें ऐसी प्लेबुक शामिल हैं जो किसानों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाती हैं, एमएसएमई को उत्पादकता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में सक्षम बनाती है और एक सैंडबॉक्स ढांचा प्रदान करती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि नवाचार सुरक्षित, मान्य एवं जिम्मेदार हो।’’
भारत के लिए एआई 2030 पहल जनवरी, 2024 में पीएसए अजय सूद और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन की अध्यक्षता में शुरू की गई थी।
भाषा निहारिका अजय
अजय

Facebook



