जी एंटरटेनमेंट के शेयरधारकों ने प्रवर्तक संस्थाओं से 2,237.44 करोड़ जुटाने के प्रस्ताव को किया खारिज

जी एंटरटेनमेंट के शेयरधारकों ने प्रवर्तक संस्थाओं से 2,237.44 करोड़ जुटाने के प्रस्ताव को किया खारिज

जी एंटरटेनमेंट के शेयरधारकों ने प्रवर्तक संस्थाओं से 2,237.44 करोड़ जुटाने के प्रस्ताव को किया खारिज
Modified Date: July 11, 2025 / 10:27 am IST
Published Date: July 11, 2025 10:27 am IST

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरधारकों ने प्रवर्तक समूह की संस्थाओं से 2,237.44 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। प्रस्ताव पारित होने से प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बढ़कर 18.4 प्रतिशत हो जाती।

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) ने बृहस्पतिवार शाम शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि प्रवर्तक समूह को तरजीही आधार पर पूर्ण परिवर्तनीय वारंट जारी करने के विशेष प्रस्ताव के पक्ष में केवल 59.514 प्रतिशत मत मिले जबकि 40.48 प्रतिशत मत इसके खिलाफ डाले गए।

विशेष प्रस्ताव को पारित कराने के लिए उसके पक्ष में 75 प्रतिशत मतों की आवश्यकता होती है।

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जी ने पिछले महीने कहा था कि उसने प्रवर्तक समूह संस्थाओं से 2,237.44 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जिससे प्रवर्तकों की शेयरधारिता बढ़कर 18.4 प्रतिशत हो जाएगी।

कंपनी के निदेशक मंडल ने भी प्रवर्तक समूह की संस्थाओं… एल्टिलिस टेक्नोलॉजीज़ और सनब्राइट मॉरीशस इन्वेस्टमेंट्स को तरजीही आधार पर ‘‘ नकद में प्राप्त होने वाले प्रतिफल के लिए 16.95 करोड़ तक के पूर्ण परिवर्तनीय वारंट जारी करने’’ को मंजूरी दे दी थी।

प्रवक्ता ने बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल और प्रबंधन ने पाया है कि मतदान प्रक्रिया में भाग लेने वाले करीब 60 प्रतिशत शेयरधारकों ने प्रवर्तक समूह संस्थाओं को पूर्ण परिवर्तनीय वारंट जारी करने से संबंधित प्रस्ताव के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और वे उनके समर्थन के लिए आभारी हैं।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ निदेशक मंडल और प्रबंधन शेष शेयरधारकों द्वारा लिए गए निर्णय का भी सम्मान करते हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ‘‘ अपने नकदी भंडार, विवेकपूर्ण दृष्टिकोण और उद्यमशीलता की भावना का लाभ उठाकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।’’

‘प्रॉक्सी’ सलाहकार कंपनी ग्लास लुईस ने भी जी के शेयरधारकों को विशेष प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने की सलाह दी थी।

‘प्रॉक्सी’ सलाहकार उन कंपनी को कहा जाता है जो मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों जैसे म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों आदि को कॉर्पोरेट काम एवं संबंधित मामलों पर सलाह देती हैं।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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