बिना पीएचडी के विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकेंगे शिक्षक, यूजीसी ने बनाई ये योजना…देखें

UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जल्द ही केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कर सकता है। यूजीसी इसके तहत नए पदों को सृजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की अनिवार्य नहीं होगा। Teachers will be able to teach in universities without PhD, UGC has made this plan...view

बिना पीएचडी के विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकेंगे शिक्षक, यूजीसी ने बनाई ये योजना…देखें

ugc plan for teaching

Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: March 12, 2022 5:53 pm IST

नई दिल्ली। ugc plan for teaching in university : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूजीसी अनुभव और संबंधित क्षेत्र में काम कर रहें लोगों को छात्रों के साथ अपने अनुभव को साझा करने की अनुमित देगा। नए पदों में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पद सृजित किए जानें की संभावना है।

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नए सृजित पद स्थायी होंगे या अस्थायी। इस नियम को बनाने के लिए यूजीसी जल्द ही एक समिति का गठन कर सकती है और इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक घोषणा भी किए जानें की संभावना है।

हालांकि इस संबंध में अभी यूजीसी की ओर से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। अगर ऐसा होता है, तो उन अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का अवसर मिलेगा, जो संबंधित विषय के जानकार हैं, लेकिन उनके पास पीएचडी की डिग्री नहीं है।

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यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार के अनुसार यह निर्णय लिया गया कि विशेष पद सृजित किए जाएंगे। इन पदों के लिए पीएचडी की कोई आवश्यकता नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2021 तक केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों में 10,000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली थे।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com