CG Budget Session 2024 Live: राजिम पुन्नी मेला अब राजिम कल्प कुम्भ.. सदन में मत विभाजन के साथ पास हुआ संशोधन विधेयक, हुआ जमकर हंगामा | rajim mele ka naya naam kya hain

CG Budget Session 2024 Live: राजिम पुन्नी मेला अब राजिम कल्प कुम्भ.. सदन में मत विभाजन के साथ पास हुआ संशोधन विधेयक, हुआ जमकर हंगामा

Edited By :   Modified Date:  February 21, 2024 / 02:05 PM IST, Published Date : February 21, 2024/2:02 pm IST

रायपुर: सदन में राजिम माघी पुन्नी संशोधन विधेयक पर मत विभाजन कराया गया। विधेयक के पक्ष में 43 वोट मिले विपक्ष में 30 वोट पड़े। संख्या बल के आधार संशोधन विधेयक पारित हुआ और इसके साथ ही राजिम पुन्नी मेले का नाम कल्प कुम्भ हो गया।

जमकर हुई बहस

इस विधेयक पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का जवाब सामने आया हैं। उन्होंने बताया कि राजिम में कुंभ का स्वरूप मिलने के बाद लाखों लोग आने लगेंगे। पूरे प्रदेश में 5 हजार स्थानों पर माघी पुन्नी मेला होता है जबकि कुंभ देश में सिर्फ चार स्थानों पर होता है। हमने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने कुंभ का नाम दिया हैं। वेद पुराणों में महानदी को चित्रोत्पला कहा गया है। राजिम का धार्मिक महत्व है, यहां लोग अस्थि विसर्जन करते हैं। हम इस विधेयक के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति को बढ़ा रहे हैं और यही वजह हैं कि माघी पुन्नी मेले के स्थान पर कुंभ कल्प मेला नाम दिया जा रहा है।

चर्चा के बीच विपक्षी सदस्यों ने नाम बदलने का विरोध किया। अटल श्रीवास्तव ने कहा-हमारी संस्कृति को मिटाने की कोशिश की जा रही हैं। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा, सिर्फ नाम में ही संशोधन हो रहा है, लेकिन इसी से राजिम का गौरव जुड़ा है। इस तरह सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस देखने को मिली। अटल श्रीवास्तव और सुशांत शुक्ला के बीच तीखी बहस भी हुई। वही हंगामे के बीच छग विधानसभा में राजिम माघी पुन्नी मेला संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधेयक पेश किया। इसके साथ ही अब राजिम पुन्नी मेले का नामकरण कुंभ मेले के रुप में होगा।

इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा कि पिछली सरकार ने छग की संस्कृति और इतिहास से छेड़छाड़ किया। चंद्राकर के इसी बयान के बाद एक फिर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली।

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बिरनपुर हिंसा पर पूछे गए सवाल

भारतीय जनता पार्टी के विधायक ईश्वर साहू ने बिरनपुर में हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किए जाने की ओर गृह मंत्री का ध्यानाकर्षित कराया था। उन्होंने पूछा कि 36 आरोपियों का नाम दिया था, 12 को ही गिरफ्तार किया गया बाकी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने उन्हें अब तक की कार्यवाही की जानकारी दी। बताया गया कि 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, विवेचना जारी है, चालान भी पेश कर दिया गया है। सदस्य ईश्वर ने कहा कि अंजोर यदू की वजह से माहौल बिगड़ा, उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? साथ ही यह भी जानना चाहा कि गांव के विशेष समुदाय के लोगों से हथियार जब्त क्यों नहीं किया गया?

मंत्री ने कहा कि गांव में कोई अवैध हथियार नहीं है। एक बार फिर से गांव में तलाशी की जाएगी। ईश्वर ने पूछा कि मुझे कब तक न्याय मिलेगा? गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया कि ईश्वर से आपको न्याय मिलेगा और उसके लिए जो भी कार्रवाई करनी होगी, वो की जाएगी। ईश्वर ने पूछा कि क्या इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले SIT की जांच की जा रही है। गृह मंत्री ने इस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की घोषणा कर दी। गौरतलब हैं कि ऐसा पहली बार हुआ कि मृतक के पिता विधायक के रूप में ये मामला उठा रहे।

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सीजी पीएससी पर हुई मांग

पिछले दिनों CG पीएससी के मॉडल आंसर में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस मामले पर गंभीरता दिखते हुए सरकार ने परीक्षा नियंत्रक का तबादला बस्तर कर दिया था। वही आज इस मुद्दे पर सदन में भी चर्चा हुई।

नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने पीएससी परीक्षा में गलत उत्तर दिए जाने का मामला शून्यकाल में पुरजोर तरीके से उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में परीक्षा नियंत्रक को स्थानांतरित कर दिया गया है इससे यह मामला काफी गंभीर प्रतीत होता है। उन्होंने PSC के मामले में चल रहे सीबीआई जांच में इसे भी जोड़ने की मांग कर डाली।

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डॉ महंत भी पाल ले शेर

सदन में आज नेता प्रतिपक्ष ने वनमंत्री के सामने वन्यप्राणियों से जुड़े मामलें को पुरजोर तरीके से उठाया। इस दौरान वन्य मंत्री केदार कश्यप और नेता प्रतिपक्ष के बीच नोंकझोंक भी देखने को मिली। इस सवाल के शुरुआत में स्पीकर डॉ रमन ने डॉ महंत को इस बात के लिए साधुवाद दिया कि वह शेर से लेकर सूअर तक मूक पशुओं का मामला पूरी गंभीरता से सदन में उठाते हैं।

स्पीकर के इस दावे पर चुटकी लेते हुए विधायक धरमजीत सिंह ने बताया की दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने दिल्ली के अपने घर पर शेर का बच्चा पाल रखा था तो एक शेर का बच्चा डॉ महंत के घर भी भेजा जाएँ। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह धरमजीत सिंह की चिंता को स्पीकर को देते हैं और चूंकि वो राजघराने से ताल्लुक रखते हैं लिहाजा शेर पालने का काम उनका हैं। इस पूरे बातचीत पर सदन में जमकर ठहाके लगे।

उठाया बाघ का मुद्दा

प्रश्नकाल में सदन में एक बार फिर से गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत का मामला सुनाई दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत कैसे हुई? वन विभाग को मौत की जानकारी कब मिली ?

नेता विपक्ष के इस सवाल पर वनमंत्री केदार कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत तार की चपेट में आकर बाघ की मौत हुई थी। यह तार जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाया गया था। 16-18 जनवरी के बीच बाघ की मौत हुई थी जबकि विभाग को इसकी सूचना 19 जनवरी को मिली

गोमर्डा अभियारण में बाघ की मौत को लेकर चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि वन विभाग गलत जानकारी दे रहा है। ट्रेप कैमरे से लगातार बाघ की निगरानी की गई। डॉ महंत ने कहा कि मंत्री ने इस मामले में न्यायिक जांच की बात कही थी ये बताएं जांच में क्या हुआ है? मंत्री ने कहा कि इस मामले में क्रिमिनल केस चल रहा है उस पर न्यायिक की जांच बात कही थी। वही बाघ की मौत के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग की। कहा, जेड प्लस वाले बाघ के संबंध में भी जानकारी नहीं है। न्यायिक जांच को लेकर गलत जानकारी दी गई हैं। मांग किया कि विधायकों की समिति से पूरे मामले की जांच कराई जाए।

उठा सड़कों का मुद्दा

विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन की कार्रवाई शुरू होते ही अम्बिकापुर के विधायक राजेश अग्रवाल ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लोनोवि मंत्री अरुण साव के सामने सड़को के चौड़ीकरण का मुद्दा उठाया।

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राजेश अग्रवाल ने ने प्रश्न काल में अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई का मामला उठाया और आरोप लगाया कि तत्कालीन मंत्री के वजह से अंबिकापुर बिलासपुर चौक से लखनपुर जूनाडीह राजमार्ग की चौड़ाई फोर लेन की जगह टू लेन कर दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केवल एक व्यक्ति के मकान को बचाने के लिए यह किया गया। राजेश अग्रवाल के आरोपों पर मंत्री अरुण साव भी सहमत नजर आएं।

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