12 जातियां अनुसूचित जनजाति में शामिल, श्रेय लेने CM बघेल और अरुण साव के बीच ट्विटर वॉर

Politics on joining the tribal class of 12 caste groups 12 जातियां अनुसूचित जनजाति में शामिल, श्रेय लेने CM बघेल और अरुण साव के बीच ट्विटर वॉर

12 जातियां अनुसूचित जनजाति में शामिल, श्रेय लेने CM बघेल और अरुण साव के बीच ट्विटर वॉर

12 castes included in Scheduled Tribes, tweet war between CM Bhupesh Baghel and Arun Saw

Modified Date: July 28, 2023 / 01:17 pm IST
Published Date: July 28, 2023 1:16 pm IST

रायपुर। राज्यसभा की कार्यवाही में बीते मंगलवार को छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के लिए बड़ा फैसला हुआ है। बता दें कि 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल कर लिया गया है। जिन 12 जातियों को सूची में लाने के लिए यह संशोधन प्रस्ताव लाया गया है, उनमें से 10 जातियां मात्रात्मक त्रुटियों के कारण संविधान से मिलने वाले अधिकारों और लाभ से लंबे समय से वंचित थे। अब इनको एसटी सूची में शामिल करने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्रेडिट लेने का खेल शुरू हो गया है।

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इस बीच छत्तीसगढ़ के साएम भूपेश बघेल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण के बीच ट्वीटर पर वॉर देखने को मिला। सीएम बघेल ने कहा कि  छत्तीसगढ़ के जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के हमारे प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी है। लंबे समय से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर प्रयास कर रहे सौंरा, गोंड़, बिझिया, उरांव, भुजिया आदि समाज के प्रतिनिधियों ने कल देर रात सौजन्य मुलाकात कर इस विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिलने पर आभार प्रकट किया। हम सबके लगातार प्रयासों से मिली इस सफलता पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं। राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समुदाय को उनके अधिकारों का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

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वहीं,  CM के ट्वीट पर BJP अध्यक्ष अरूण साव ने लिखा आपको शायद आपके राजनितिक पूर्वजों एवं आपके वर्तमान सांसदों ने उचित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिस वजह से आपको ये क्रेडिट झपटने की तेजी दिखानी पड़ रही है। आज जब संसद में नरेंद्र मोदी की सरकार छत्तीसगढ़ के 12 जनजातियों को संवैधानिक अधिकार दे रही थी, तब कांग्रेसी सांसद सदन से क्यों नदारद हो गए थे? क्रेडिट लेने की होड़ में भूतकाल में की गयी राजनीतिक प्रताड़ना याद रखनी चाहिए।

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