बीजेपी की बदलाव नीति… कांग्रेस के लिए चुनौती? बदलाव के संकल्प के बाद क्या भाजपा को मिलेगा भूपेश का विकल्प?

बीजेपी की बदलाव नीति... कांग्रेस के लिए चुनौती? A year before the elections, the BJP is constantly making changes

बीजेपी की बदलाव नीति… कांग्रेस के लिए चुनौती? बदलाव के संकल्प के बाद क्या भाजपा को मिलेगा भूपेश का विकल्प?
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: August 16, 2022 11:58 pm IST

(रिपोर्टःराजेश मिश्रा) रायपुरः चुनाव के एक साल पहले बीजेपी लगातर बदलाव कर रही है। पहले प्रदेश अध्यक्ष और अब नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश टीम में भी बदलाव की चर्चा है। इस चुनावी साल में नई टीम के साथ जनता के बीच जाना क्या ये बीजेपी का मारस्टरस्ट्रोक है और इस बदलाव से कांग्रेस पर क्या असर होगा? सबसे बड़ा सवाल बीजेपी के इस बदलाव के संकल्प के बाद क्या उन्हें मिलेगा भूपेश का विकल्प?

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बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के आने के बाद से छत्तीसगढ़ में लगातार बदलाव और प्रयोग हो रहे है। बुधवार को भी बीजेपी विधायक दल, कोर ग्रुप और प्रदेश पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। जिसमें अजय जामवाल, डी पुरंदेश्वरी और नितिन नबीन भी शामिल होंगे। ऐसी संभावना है कि बैठक में विधायकों से चर्चा करने के बाद नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।

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सूत्रों की माने तो धरमलाल कौशिक की जगह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा, नारायण चंदेल और बृजमोहन अग्रवाल में से किसी एक को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है। दूसरी ओर अरुण साव भी भूपेश एंड कंपनी को टक्कर देने अपनी नई टीम तैयार कर रहे हैं, जिसमें पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता केदार कश्यप को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। 17 से अधिक जिलों में भी नए चेहरों को मौका देने का साथ BJYM, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बदला जाना तय है। पार्टी में बदलाव को लेकर नए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सबका सहयोग लेकर छत्तीसगढ़ में एक बार फिर 2023 में कमल खिलाने पूरी ताकत से जुटेंगे।

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चुनाव से ऐन पहले बीजेपी बदलाव वाले प्रयोग के जरिए अपनी जमीन मजबूत करने की कवायद में जुटी है। तो कांग्रेस का साफ-साफ कहना है कि बीजेपी में बदलाव से कांग्रेस को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। प्रदेश की जनता भूपेश सरकार के साथ है और आने वाले चुनाव में भी रहेगी। बीजेपी के प्रयोगों से कांग्रेस को फर्क पड़ेगा या नहीं ये तो आने वाला वक्त बताएगा। बहरहाल मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी ऐन चुनाव से पहले कितने बदलाव करेगी, ये बड़ा सवाल है। सवाल ये भी कि बदलाव के बाद नए चेहरे दिखेंगे या पुराने चेहरों पर ही दांव खेला जाएगा।

 


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