Aap Ki Baat: अपनी-अपनी आजादी... अपने-अपने राग! राष्ट्रवाद के तड़के के साथ अपनी ढपली अपना राग क्यों? देखें रिपोर्ट |Aap Ki Baat

Aap Ki Baat: अपनी-अपनी आजादी… अपने-अपने राग! राष्ट्रवाद के तड़के के साथ अपनी ढपली अपना राग क्यों? देखें रिपोर्ट

Aap Ki Baat: अपनी-अपनी आजादी... अपने-अपने राग! राष्ट्रवाद के तड़के के साथ अपनी ढपली अपना राग क्यों? देखें रिपोर्ट

Edited By :   Modified Date:  August 14, 2024 / 09:16 PM IST, Published Date : August 14, 2024/9:16 pm IST

Aap Ki Baat: रायपुर। देश की आजादी का महोत्सव हम सब भारतीयों के लिए साल का सबसे खास दिन है। स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ पर आजादी के जश्न को मनाने का सबका अपना-अपना तरीका है, अपनी-अपनी तैयारी है। इस दिन हर कोई सारी बातों को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ देशप्रेम को जज्बे को सर्वोपरि रखता है। लेकिन, क्या ऐसा ही भाव देश के दो सबसे बड़े दलों के आयोजनों में भी है। क्या सत्तापक्ष और विपक्ष की यात्राओं में देश को जोड़ने, एक करने वाला भाव है? ये सवाल क्यों उठ रहे हैं, बीजेपी-कांग्रेस की यात्राओं पर बहस क्यों छिड़ी है। आइए जानते हैं

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जब सारा देश आजादी का उत्सव मनाने की तैयारी में है तब बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल अपनी-अपनी यात्राओं और अभियान को लेकर सुर्खियों में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 11 अगस्त से हर-घर तिरंगा अभियान शुरू किया। हर शहर में तिरंगा यात्रा निकाली और 14 अगस्त को देश के बंटवारे की याद दिलाते हुए आधिकारित तौर पर विभाजन विभिषिका दिवस मनाया। बीजेपी का सीधा आरोप है कि देश के दो टुकड़े करने के लिए सीधे-सीधे कांग्रेस जिम्मेदार है।

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बीजेपी के वार पर विपक्षी कांग्रेस ना सिर्फ पलटवार कर रही है बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने संविधान यात्रा के जरिए बीजेपी को संविधान को कमजोर करने वाली पार्टी बताया। पार्टी का दावा है कि कांग्रेस आजादी के लिए बलिदान देने वाला दल है, जबकि बीजेपी नाथुराम गोरसे की विचारधारा वाली पार्टी। उधर, मध्यप्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस ने महीने की शुरूआत से ही घोषणा के मुताबिक, ‘अगस्त क्रांति’ के तहत 25 दिनों में 7 बड़े प्रदर्शन के जरिए बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

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कांग्रेस का दावा है कि जैसे-1942 में देश ने महात्मा गांधी की अगुआई में अगस्त क्रांति के जरिए हुंकार भरी थी। ठीक वैसे ही अब मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर रही है। कांग्रेस ने सरकार के पावर सेंटर को चुन कर उज्जैन, भोपाल, इंदौर, सागर, दतिया, भिंड में अलग-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जबकि, बीजेपी नेताओं ने 14 अगस्त को आधिकारिक तौर पर विभाजन विभीषिका दिवस मानते हुए देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए जमकर कोसा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति ने देश के टुकड़े करवाए, लाखों लोगों की जान गई जिसके जख्म आज तक हरे हैं।

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कुल मिलाकर आजादी के जश्न के मौके पर भी बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी यात्राओं, अपने-अपने आयोजन के जरिए एक-दूसरे के खिलाफ सियासी मोर्चा खोला हुआ है। MP-छग में विपक्ष में बैठी कांग्रेस सत्तासीन बीजेपी को जनविरोधी नीतियों और जनसमस्याओं पर घेरते हुए नाकाम बता रही है तो बीजेपी कांग्रेस को देशविरोधी, तुष्टिकरण करने वाली, बंटवारे के लिए जिम्मेदार दल बताकर जनता के बीच है। पर, सबसे बड़ा सवाल है क्या साल भर में स्वतंत्रता दिवस, जैसे मौकों पर भी क्या एक देश-एक थीम-एक आयोजन का जैसा उदाहरण नहीं बनाया सकता…?

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