Chhattisgarh New Cabinet : काम पड़ा है सारा..कब होगा बंटवारा? भाजपा कर रही सोच विचार, धीमी पड़ी काम की रफ़्तार
Chhattisgarh New Cabinet : 22 दिसंबर को मंत्रीमंडल का शपथग्रहण हुआ और आज यानि 26 दिसंबर तक भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है।
Chhattisgarh New Cabinet
रायपुर : Chhattisgarh New Cabinet : 3 दिसंबर को नतीजे आए, 10 दिन बाद 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने शपथ ली, उसके 9 दिन बाद 22 दिसंबर को मंत्रीमंडल का शपथग्रहण हुआ और आज यानि 26 दिसंबर तक भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। सवाल है कहां देर हो रही है। बताया जा रहा है कि इस वक्त मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए बीजेपी सरकारों से जुड़े सभी निर्णय एक साथ दिल्ली से लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री, मंत्रियों को विभाग सभी को लेकर बिना केंद्रीय नेतृत्व की मुहर के कोई भी निर्णय नहीं हो रहा है। बीजेपी सरकार की इस स्थिति पर कांग्रेस ने तंज कसा है, फिर से इसे रिमोट वाली सरकार बताया है। आरोपों से इतर सवाल ये है कि देर की असल वजह क्या है? सवाल ये भी कि क्या इससे सरकार के कार्य की रफ्तार पर फर्क नहीं पड़ेगा?
Chhattisgarh New Cabinet :छत्तीसगढ़ में शानदार जीत के बाद सत्ता में लौटी बीजेपी फिलहाल मंत्रियों के विभागों को लेकर निर्णय लेने में काफी सोच विचार रही है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से सवाल है कि किसे कौन सा विभाग दिया जाएगा। चर्चाएं हैं कि मंत्रिमंडल में पहली बार विधायक बने लोगों को महत्वपूर्ण विभाग दिए जाने की तैयारी है। इस बात पर सीनियर मंत्री खफ़ा बताए जाते हैं। हालांकि सीएम समेत कोई भी बीजेपी का मंत्रियों के विभाग बंटवारे या नाराजगी पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मंत्रियों के शपथ लिए 5 दिन बीत चुके हैं सो फैसला कहां अटका है इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं।
मंत्रिमंडल के शपथ के 5 दिन बाद भी मंत्रियों के पास विभाग नहीं हैं, इसी बीच CM विष्णुदेव साय ने PM आवास, किसानों को बकाया बोनस समेत कई वायदों को पूरा करने निर्देश जारी कर दिए हैं। इस पर कांग्रेस चुटकी रही है…पूर्व मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि बीजेपी में मंत्री, विभागों के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। हर फैसला दिल्ली से हो रहा।
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Chhattisgarh New Cabinet : बताया जा रहा है कि मत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर वरिष्ठ नेताओं विचार कर फैसला भी ले चुके हैं लेकिन इस पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर का इंतजार है, जिसके लिए फायनल मीटिंग का वक्त अभी तक तय नहीं हो सका है। चर्चा इस बात की भी है तीनों राज्यों में एक साथ ही मंत्रीयों को विभागों का बंटवारा होगा। सवाल ये है कि बिना विभाग के मंत्री, सरकार या बिना मंत्रियों के विभाग योजनाओं और फैसलों का क्रियान्वय कैसे करेंगे?

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