Ambikapur News: अंबिकापुर में बड़ें स्तर पर हो रही पेड़ों की कटाई, DFO को भी कोई दिक्कत नहीं, होने वाला है बड़ा निर्माण और बड़ा कांड..!
अंबिकापुर के घाटबर्रा इलाके में सैकड़ों पेड़ों की कटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
Ambikapur News/ images source: IBC24
- अंबिकापुर में पेड़ों की कटाई का वीडियो वायरल
- घाटबर्रा इलाके में काटे जा रहे है सैकड़ों पेड़
- पीईकेबी खदान के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई
Ambikapur News: अंबिकापुर: अंबिकापुर के घाटबर्रा इलाके में सैकड़ों पेड़ों की कटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता और आक्रोश बढ़ गया है। इस क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पीईकेबी खदान परियोजना के लिए की जा रही है। स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस कार्रवाई के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और प्रशासन से जांच की मांग की है।

DFO ने की पेड़ कटाई की पुष्टि
Ambikapur News: गौर करने वाली बात है कि, वन विभाग के अधिकारी DFO (वन संरक्षक) ने इस घटना की पुष्टि की है। DFO के अनुसार, पेड़ों की कटाई सही अनुमति और कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई उदयपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत हो रही है और परियोजना के लिए जरूरी है। DFO ने कहा कि कटाई का कार्य पर्यावरण सुरक्षा के मानकों के अनुसार किया जा रहा है और भविष्य में क्षेत्र में पुनर्वनीकरण और पौधरोपण के कार्यक्रम भी लागू किए जाएंगे।
स्थानीय लोगों में पेड़ कटाई के खिलाफ आक्रोष
स्थानीय लोगों का कहना है कि घाटबर्रा क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि परियोजना की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और कटाई के दौरान पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारियों का पालन किया जाए। कुछ पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से न केवल स्थानीय जलवायु प्रभावित होगी, बल्कि वन्य जीवों के आवास पर भी असर पड़ेगा।

त केवल आवश्यक पेड़ों की कटाई की जा रही
Ambikapur News: वन विभाग ने यह भी बताया कि इस परियोजना के तहत केवल आवश्यक पेड़ों की कटाई की जा रही है और कटाए गए पेड़ों के स्थान पर नए पेड़ लगाने का प्रबंध किया जाएगा। DFO ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई वन विनियमन और परियोजना की आवश्यकता के अनुरूप है, जिससे खदान संचालन और विकास कार्य बाधित न हों।

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