Shadi ke Liye CM ko likha Letter: “शादी करवा दीजिए सरकार, घरवाले नहीं दे रहे ध्यान” सुशासन तिहार में 46 साल के शख्स ने लगाई अनोखी गुहार
सुशासन तिहार में 46 साल के शख्स ने लगाई अनोखी गुहार...Letter written to CM for marriage: "Government, please get me married, family members
- सुशासन तिहार में सामने आई सबसे अनोखी मांग,
- सीएम से की शादी कराने की गुहार,
- संविदा कर्मचारी ने महिला बाल विकास विभाग को लिखा पत्र,
अंबिकापुर: Shadi ke Liye CM ko likha Letter: छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के तहत जनता से सरकार के लिए लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें अधिकतर आवेदन बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी और स्वच्छता को लेकर हैं। लेकिन कुछ आवेदन ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जो न केवल अनोखे हैं, बल्कि लोगों का ध्यान भी अपनी ओर खींच रहे हैं। ऐसा ही एक आवेदन आया है अंबिकापुर के भफौली गांव से, जहां एक संविदा कर्मचारी ने अपनी शादी को लेकर सरकार से मदद मांगी है।
मनोज टोप्पो की गुहार: “अब तो मेरी शादी करवा दीजिए”
Shadi ke Liye CM ko likha Letter: 46 वर्षीय मनोज टोप्पो, जो एक स्कूल में स्वीपर के रूप में कार्यरत हैं अब भी अविवाहित हैं। उनका कहना है कि उम्र बढ़ने के बावजूद न तो घरवाले उनकी शादी में कोई रुचि ले रहे हैं और न ही समाज से कोई सहयोग मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को आवेदन देकर गुहार लगाई है कि उनके लिए एक अच्छी लड़की देखकर उनकी शादी कराई जाए। मनोज का यह आवेदन जैसे ही सामने आया, मीडिया और सोशल मीडिया पर यह चर्चा का विषय बन गया। लोग इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं कुछ इसे बेहद संवेदनशील मान रहे हैं तो कुछ इसे सामाजिक ताने-बाने से जोड़कर देख रहे हैं।
ससुराल जाने के लिए मांगी बाइक
Shadi ke Liye CM ko likha Letter: मनोज के आवेदन के कुछ ही दिन बाद मैनपाट से भी एक दिलचस्प मांग सामने आई। एक युवक ने सरकार से बाइक की मांग की। उसका कहना था कि उसे अपनी ससुराल जाने में दिक्कत होती है और ऐसे में यदि उसे बाइक मिल जाए तो यह समस्या हल हो सकती है। यह मांग भी चर्चा में है और लोगों के बीच हल्की मुस्कान के साथ गंभीर सोच भी ला रही है।
आम लोगों की उम्मीदें बदल रहीं हैं
Shadi ke Liye CM ko likha Letter: इन आवेदनों से यह स्पष्ट होता है कि अब आम नागरिक केवल बुनियादी समस्याओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सरकार को अपनी निजी और सामाजिक जिंदगी में भी सहयोगी के रूप में देखना शुरू कर चुके हैं। सुशासन तिहार जैसी पहलें लोगों को एक मंच देती हैं जहां वे बेझिझक अपनी बातें रख सकते हैं – चाहे वे सड़क की हों या रिश्तों की।

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