भिलाई। Chandulal Chandrakar Hospital in controversy: अक्सर विवादों में रहने वाला भिलाई का चंदूलाल चंद्राकार अस्पताल एक बार फिर विवादों के घेरे में है ।इस बार विवाद का कारण बनी है मरीज के ऊपर रेंग रही चीटियां। जिंदगी और मौत से जूझ रहे यहां के आईसीयू में भर्ती मरीज के ऊपर चीटियों का झुंड अटैक करता दिखा, जिसके बाद प्रशासन की जांच टीम ने रात 12 बजे पहुंच मामले की जांच की। ऐसे में इस घटना ने पूरे अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है।
Chandulal Chandrakar Hospital in controversy: दरअसल, ये तस्वीर है नेहरू नगर के चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल की है जो अपनी लापरवाही की वजह से एक बार फिर विवादों में है। इस बार अस्पताल के आईसीयू में भर्ती मरीज के मुंह मे चीटियों का झुंड इस विवाद की वजह बना है। दरअसल दुर्ग निवासी रामा साहू ,सास की समस्या के चलते आईसीसीयू में भर्ती है। आज जब उसका बेटा मिलने पहुंचा तो अपने पिता के मुंह के आसपास चीटियों का झुंड देख कर उसके होश उड़ गए। उसने जब नर्स से शिकायत की तो नर्स ने उल्टे रमा साहू के पुत्र को ही समझा दिया कि बारिश के मौसम की वजह से चींटी आम बात है, जिसके बाद उसने जम कर नाराजगी जताई।
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Chandulal Chandrakar Hospital in controversy: इस मामले के बाद अस्पताल में जम कर हंगामा हुआ और ये मामला इतना बढ़ गया कि मंत्री और कलेक्टर से शिकायत हो गई जिसके बाद जिला प्रशासन ने 3 सदस्यीय जांच टीम चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल भेजी। इस घटना से गुस्साए पुत्र ने इसकी शिकायत जब मंत्री और कलेक्टर से की तो देर रात प्रशासन ने जांच टीम गठित की। डॉक्टर आर के खंडेलवाल के नेतृत्व में पहुंची 3 सदस्यीय टीम करीब 1 घण्टे अस्पताल में रही, जहां उन्होंने मरीज के पुत्र ,अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का बयान दर्ज किया। मरीज की स्थिति जानी और ट्रीटमेंट को लेकर जानकारी भी ली। जांच अधिकारी डॉक्टर खंडेलवाल ने मौसम और चीटियों वाले नर्स के तर्क पर ये स्पष्ट किया कि ऐसे कोई लॉजिक नही होता, मरीज के साथ ऐसा होना बिल्कुल गलत है।
Chandulal Chandrakar Hospital in controversy: वहीं जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात भी इन्होंने कही। जांच अधिकारी डॉ आर के खंडेलवाल ने कहा कि कोई भी परिवारजन बेहतर इलाज की उम्मीद और अपने मरीज के ठीक होने की आशा के साथ उसे अस्पताल में भर्ती करवाता है, लेकिन वेंटिलेटर में पहुंच चुके मरीज को यदि अस्पताल सिर्फ बिल वसूली का जरिया बना ले और मरीज को चीटियों का निवाला बनने छोड़ दे तो ऐसे लापरवाह अस्पताल पर सख्त कार्रवाई ज़रूर की जानी चाहिए, ताकि दोबारा किसी मरीज के स्वस्थ के साथ खिलवाड़ न हो।