Publish Date - July 24, 2025 / 10:29 AM IST,
Updated On - July 24, 2025 / 10:29 AM IST
Bhatapara News/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
पोहा मिल ब्रोकरों ने किया 1.71 करोड़ का गबन,
ब्रोकरों ने 22 मिल मालिकों से धोखाधड़ी,
दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार,
भाटापारा: Bhatapara News: छत्तीसगढ़ के भाटापारा में पोहा मिल कल्याण समिति से जुड़े 22 पोहा मिल मालिकों के साथ धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। ब्रोकर प्रीतम मंधानी और यश बलानी पर आरोप है कि उन्होंने 429 टन पोहा बिक्री कर कुल 1 करोड़ 71 लाख रुपये का गबन किया। इस मामले में भाटापारा ग्रामीण थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
Bhatapara News: मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी ब्रोकरों ने समिति से जुड़े विभिन्न पोहा मिलों से माल उठाकर उसे अलग-अलग तिथियों में व्यापारियों को बेच दिया। नियमानुसार उन्हें बिक्री की राशि से अपना कमीशन काटकर शेष रकम संबंधित मिल मालिकों को लौटानी थी लेकिन उन्होंने यह राशि लौटाने के बजाय गबन कर ली।
Bhatapara News: मिल मालिकों द्वारा बार-बार भुगतान की मांग के बावजूद ब्रोकरों ने रकम नहीं लौटाई, जिसके चलते पोहा व्यापारी कल्याण समिति ने भाटापारा ग्रामीण थाना में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए दोनों ब्रोकरों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपियों ने गबन की गई राशि को शेयर बाजार में निवेश करने की बात स्वीकार की है।
भाटापारा में पोहा व्यापारी कल्याण समिति से जुड़े 22 मिल मालिकों से दो ब्रोकरों ने 429 टन पोहा बेचकर लगभग 1.71 करोड़ रुपये गबन कर लिए। यह मामला "भाटापारा पोहा मिल धोखाधड़ी" के रूप में सामने आया है।
"भाटापारा पोहा मिल धोखाधड़ी" में आरोपी कौन हैं?
इस धोखाधड़ी में प्रीतम मंधानी और यश बलानी नामक दो ब्रोकर आरोपी हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
"भाटापारा पोहा मिल धोखाधड़ी" में कितनी रकम का गबन हुआ है?
इस मामले में कुल ₹1.71 करोड़ रुपये की राशि का गबन हुआ है, जो कि 429 टन पोहा की बिक्री से संबंधित है।
क्या "भाटापारा पोहा मिल धोखाधड़ी" के आरोपी पैसे वापस करेंगे?
पूछताछ में आरोपियों ने माना है कि उन्होंने गबन की गई रकम शेयर बाजार में निवेश की है। पुलिस इस दिशा में आगे की जांच कर रही है।
"भाटापारा पोहा मिल धोखाधड़ी" की शिकायत कहां दर्ज हुई थी?
यह शिकायत भाटापारा ग्रामीण थाना में पोहा व्यापारी कल्याण समिति द्वारा दर्ज कराई गई थी।