For this reason Naxalites are targeting public representatives

CG News: नक्सलियों का खूनी खेल! इस वजह से जनप्रतिनिधियों को बना रहे निशाना

For this reason Naxalites are targeting public representatives.. नक्सलियों का खूनी खेल शुरू.., इस वजह से जनप्रतिनिधियों को बना रहे निशाना

Edited By :   Modified Date:  February 14, 2023 / 01:09 PM IST, Published Date : February 14, 2023/12:40 pm IST

For this reason Naxalites are targeting public representatives: बस्तर। जिले में सिलसिलेवार माओवादियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की हत्या के चलते माओवादियों की दहशत फिर कायम हो गई है। लंबे समय से शांत चल रहे माओवादियों ने सिलसिलेवार पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बनाया है और इनमें तीन भारतीय जनता पार्टी के नेता है। इन हत्याओं के पीछे पुलिस का दावा है, कि बौखलाए नक्सली अपना दबदबा कायम करने इस तरह की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेताओं की हत्या का मामला लोकसभा में उठने के बाद बस्तर में नक्सलवाद पर अंकुश लगाने की कोशिशों पर भी सवालिया निशान उठने लगे है।

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पंचायत प्रतिनिधियों को बना रहे निशाना

बस्तर में फिर एक बार नक्सलियों का खूनी खेल शुरू हो गया है। इस बार सुरक्षा बल के जवान निशाने पर नहीं है। इसकी जगह माओवादियों ने सॉफ्ट टारगेट के तौर पर पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बनाना शुरू किया है। यह पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, जहां सुरक्षा 24 घंटे में मौजूद नहीं रहती। इसी का फायदा उठाकर सिलसिलेवार हत्याएं हो रही हैं। हत्याओं के पैटर्न में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हत्या ज्यादा हुई है। लिहाजा मामले में सियासत गर्म है और भारतीय जनता पार्टी से टारगेट किलिंग का नाम दे रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि माओवादी इन हत्याओं से क्या हासिल करना चाहते हैं। मारे गए नेताओं के पास छोड़े गए परचो में पुलिस मुखबिरी, माओवादियों के खिलाफ सक्रियता को वजह बताया गया है, लेकिन अक्सर हत्याओं के पीछे सिर्फ इतनी ही वजह नही होती है।

कानून व्यवस्था को लेकर उठे सवाल

केंद्र में भाजपा और राज्य में कांग्रेस बस्तर में नक्सल हिंसा के कम होने का दावा कर रही है, वहीं माओवादियों ने एक बार फिर इन हत्याओं के जरिए अपनी मजबूत उपस्थिति का इजहार किया है। सुरक्षा नेटवर्क को धता बताते हुए हो रही इन हत्याओं पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने दावा किया है कि लगातार मुठभेड़ों में मारे जा रहे और पुलिस की आक्रामक रणनीति से नाकाम हो रहे नक्सली बौखलाए हुए हैं और बौखलाहट में ही वे सॉफ्ट टारगेट को निशाना बना रहे हैं।

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बस्तर में होने वाली इन घटनाओं को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एक बात इन घटनाओं से साफ है कि जमीन पर अब भी नक्सली हथियारों के साथ दबाव बनाने में कामयाब हो रहे हैं। लोकसभा में मामला उठने के बाद पुलिस ने सिलसिलेवार हो रही हत्याओं पर अलर्ट जारी किया है। बस्तर आईजी सुंदर्राज पी का कहना है कि लगातार हो रहे नुकसान से बौखलाए नक्सली स्माल एक्शन टीम के जरिए हत्याओं के माध्यम से अपनी दहशत कायम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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साल भर के भीतर 5 नेताओं की हत्या

For this reason Naxalites are targeting public representatives: हालांकि, साल भर के भीतर माओवादियों ने दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में ही हिरोली अरनपुर नारायनपुर बीजापुर सहित 5 नेताओं की हत्या की है। मारे गए सभी नेता नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों से ताल्लुक रखते रहे हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि नक्सली पंचायत प्रतिनिधियों के तौर पर सॉफ्ट टारगेट को निशाना बना रहे है। इसे जो ग्रामीण पुलिस की तरफ जा रहे हैं उनमें दहशत भी बढ़ रही है और गांव में नक्सली फिर से दबदबा बनाने में कामयाब हो रहे हैं। नक्सल क्षेत्रों पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को काम करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। इस दहशत का असर अब दिखाई भी देने लगा है। पुलिस ने नेताओं की सुरक्षा की पुन समीक्षा के निर्देश भी दिए हैं और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ सीनियर नेताओं के नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों में दौरे से पहले पुलिस को सूचना देने के लिए भी कहा गया है। बस्तर पुलिस का दावा है कि पुलिस रणनीति पर काम कर रही है और जल्द ही इन नेताओं के हत्यारों को खोज निकाला जाएगा।

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