Madvi Hidma Surrender News || Image- Social Media File
Madvi Hidma Surrender News: जगदलपुर: बस्तर में माओवादी संगठन के नेता और छोटे कॉडर के लड़ाके अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र और राज्य की सरकार ने अगले साल मार्च के आखिर तक बस्तर समेत देश के सभी नक्सल प्रभावित राज्यों से माओवाद के समूल नाश का संकल्प लिया है। ऐसे में सरकार ने नक्सलवाद विरोधी अभियान में बड़ा बदलाव किया है। सरकार और पुलिस अब एनकाउंटर के बजाय सरेंडर और गिरफ्तारियों को प्राथमिकता दे रही है। इस बदली हुई रणनीति का सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला है।
अगर देश के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर की बात करें, तो साल 2024 से लेकर अब तक बीजापुर जिले में 650 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, नक्सल विरोधी अभियानों में अब तक 196 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि 986 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस को तब बड़ी कामयाबी मिली थी जब शीर्ष नक्सली नेता रूपेश के साथ 208 माओवादियों ने हथियार समेत पुलिस के सामने सरेंडर किया था। हालांकि अब जो खबर सामने आ रही है, वह और भी राहत पहुंचाने वाली है।
दरअसल, तमाम सरेंडर और गिरफ्तारियों के बावजूद सरकार से सवाल किया जा रहा है कि आखिर हिडमा कब सरेंडर करेगा? वह आत्मसमर्पण करेगा या पुलिस उसके खिलाफ कोई विशेष रणनीति अपनाएगी? इन्हीं सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने हिडमा के सरेंडर के सवाल पर कहा है कि, “बहुत लोग संपर्क में हैं, जल्द ही खुशखबरी मिलेगी।” उन्होंने सीआरपीएफ कैंप के विरोध और समाजसेवी सोनी सोढ़ी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। विजय शर्मा ने कहा कि, सीआरपीएफ कैंप के विरोध को लेकर कुछ लोग माहौल बिगाड़ने के लिए विरोध भड़का रहे हैं, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ेगा। आदिवासी समाज की नेता सोनी सोढ़ी के बयान पर कहा कि, तेलंगाना में माओवादियों की श्रद्धांजलि सभा में उनके बयान का कोई अर्थ नहीं है।
इससे पहले बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने कहा था कि एक समय था जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई है। फिलहाल 2025 का अंत आते-आते महज 6 से 7 सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर शेष बचे हैं, जो दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे हुए हैं। आईजी ने दक्षिण बस्तर में छिपे नक्सलियों से अपील करते हुए चेतावनी दी है कि, अब भी समय है- वे सरेंडर कर दें, अन्यथा बस्तर में तैनात डीआरजी समेत तमाम सुरक्षाबल के जवान उनसे निपटने के लिए तैयार बैठे हैं।
गौरतलब है कि नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जारी अभियान के बीच इस माह पुलिस ने अपनी रणनीति बदली है। एनकाउंटर की जगह समर्पण को प्राथमिकता देते हुए नक्सलियों को साफ संदेश दिया गया था कि वे यदि आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा। लेकिन यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनसे फोर्स निपटने के लिए तैयार बैठी है। वहीं, इसका असर भी देखने को मिला और इसी माह 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ जगदलपुर में सरेंडर किया, जिसके बाद कांकेर जिले के दो एरिया कमेटी ने आज एक साथ हथियार डाले हैं, जिसमें 21 नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंपे हैं।
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