रायपुर। Bharatmala Project Scam भारतमाला परियोजना से जुड़े जमीन मुआवजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो गई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की एफआईआर के आधार पर ईडी ने नई ईसीआईआर (ECIR) दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद ईडी ने घोटाले के मास्टरमाइंड और उसके सहयोगियों सहित कुल 9 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।
मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने अपनी कार्रवाई में सरकारी अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा है। ईडी की टीम ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और आरआई के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह जांच जमीन मुआवजा वितरण में हुई कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से की जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इस मामले में हरमीत खनुजा समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। हालांकि, ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान सभी सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। अब ईडी की जांच के बाद इन अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि ईडी इस मामले में आगे पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई भी कर सकती है। ईडी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
Bharatmala Project Scam भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले में कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है।