Bijapur Naxal Operation Video: नक्सली घात का पर्दाफाश! जवानों के लिए खोदे गए थे मौत के गड्ढे, गृहमंत्री ने ऑपेरशन का वीडियो किया पोस्ट
नक्सली घात का पर्दाफाश! जवानों के लिए खोदे गए थे मौत के गड्ढे...Bijapur Naxal Operation Video: Naxal ambush exposed! 'Death pits' were dug for
Bijapur Naxal Operation Video | Image Source | IBC24
- नक्सल ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता,
- स्पाइक होल का जाल सुरक्षाबलों ने किया नाकाम,
- गृहमंत्री ने ऑपेरशन का वीडियो किया पोस्ट,
बीजापुर: Bijapur Naxal Operation Video: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सबसे बड़े ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को लगातार बड़ी कामयाबी मिल रही है। बीजापुर जिले में नक्सली अब अपना ठिकाना छोड़कर भागने को मजबूर हो रहे हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Xपर एक वीडियो साझा कर नक्सलियों की कायराना हरकत का खुलासा किया है।
Bijapur Naxal Operation Video: गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने जंगलों में “स्पाइक होल” यानी लोहे की कीलों से भरे खतरनाक गड्ढे तैयार किए थे, ताकि जवान ऑपरेशन के दौरान इन जालों में फंस जाएं। लेकिन सुरक्षाबलों ने सतर्कता दिखाते हुए इन जालों को समय रहते पहचान लिया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया।गृह मंत्री ने कहा की स्पाइक होल जैसे इन खतरनाक गड्ढों में सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं हमारे मासूम ग्रामीण, आदिवासी भाई-बहन और जानवर। ये सिर्फ जाल नहीं, जीवन छीनने वाली क्रूरता है। उन्होंने सुरक्षाबलों की सतर्कता और साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह नक्सलियों के मंसूबों पर एक और करारा प्रहार है।
नक्सल ऑपरेशन में लगे जवानों को फंसाने के लिए नक्सलियों के बनाए थे “स्पाइक होल”, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कायराना हरकत को किया फेल।
“स्पाइक होल” जैसे इन खतरनाक गड्ढों में सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं हमारे मासूम ग्रामीण, आदिवासी भाई-बहन और जानवर। ये सिर्फ जाल नहीं, जीवन छीनने… pic.twitter.com/1wLr6ZAaMH
— Vijay sharma (@vijaysharmacg) May 4, 2025
क्या होते हैं स्पाइक होल?
Bijapur Naxal Operation Video: स्पाइक होल ऐसे गड्ढे होते हैं जिनमें नीचे की ओर तेज़ लोहे की कीलें या बांस की नुकीली छड़ियां लगाई जाती हैं। इन गड्ढों को पत्तों या मिट्टी से ढक दिया जाता है ताकि ये दिखाई न दें। इनका इस्तेमाल नक्सली जवानों को घायल करने या मारने के लिए करते हैं।

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