Naxalites Press Note: नक्सलियों ने स्वीकारा.. फ़ोर्स कर रही चौतरफा हमला, बताया 2025 में मारे गए 78 माओवादी साथी
प्रेस नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकारें साम्राज्यवादी और कॉर्पोरेट शक्तियों के इशारे पर आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन से बेदखल कर रही हैं। वे खनिज संपदा और वन संसाधनों की लूट को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी समुदाय का दमन कर रही हैं।
Naxalites Press Note on Police Encounter || Image- IBC24 News File
- माओवादियों ने 'कगार' ऑपरेशन की निंदा कर 4 अप्रैल को बंद बुलाया
- जनवरी 2025 से अब तक 78 माओवादी और आदिवासी मारे गए
- सरकार आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल कर रही – नक्सली
Naxalites Press Note on Police Encounter: बस्तर: लगातार जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन और माओवादी उन्मूलन अभियान के बीच माओवादियों ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें उन्होंने सरकार और पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों का जिक्र करने के साथ-साथ अपने मारे गए नक्सलियों की जानकारी भी साझा की है। प्रेस नोट में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त ‘कगार’ ऑपरेशन की निंदा करते हुए दावा किया कि जनवरी 2025 से अब तक 78 माओवादी और आदिवासी मारे जा चुके हैं। इसके विरोध में माओवादियों ने 4 अप्रैल को बीजापुर जिला बंद का आह्वान किया है।
प्रेस नोट में नक्सलियों ने बताया कि 12 जनवरी 2025 को बांदेपारा के पास 5 माओवादी मारे गए, 1 फरवरी को 7 ग्रामीणों की मौत हुई, 9 फरवरी को जालीपेर के पास 31 माओवादी मारे गए, 20 मार्च को गंगालूर क्षेत्र में 26 नक्सली ढेर हुए, उसी दिन कांकेर में हुई मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गए, जबकि 25 मार्च को माड़ डिवीजन और इंद्रावती क्षेत्र में 3 नक्सली मारे गए। इस तरह, कुल 78 माओवादी अपने प्राण गंवा चुके हैं। नक्सलियों ने अपने मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की है।
Naxalites Press Note on Police Encounter: माओवादी संगठन, जो चार दशकों से क्रांतिकारी आंदोलन चला रहा है, दावा कर रहा है कि वह मजबूत और लोकतांत्रिक सरकारों का निर्माण कर रहा है और जनवादी गणराज्य की शासन व्यवस्था का विस्तार कर रहा है। हालांकि, उनके अनुसार सरकारें आदिवासियों और इस आंदोलन के समर्थकों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ‘कगार’ ऑपरेशन चला रही हैं।
नक्सलियों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि वे 31 मार्च 2026 तक माओवादी आंदोलन को पूरी तरह समाप्त कर देंगी। इसी योजना के तहत बड़े पैमाने पर हमले किए जा रहे हैं। इन अभियानों में दो से तीन राज्यों के बीच समन्वय स्थापित कर चार से पांच जिलों में 4,000 से 10,000 सशस्त्र बलों को तैनात किया जा रहा है। इनमें बस्तर फाइटर्स, जिला रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स, सी-60 कमांडो, सीआरपीएफ, बीएसएफ, कोबरा और एसएसएफ बल शामिल हैं। ये सभी मिलकर माओवादियों को घेरने और उनका सफाया करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
Naxalites Press Note on Police Encounter: प्रेस नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकारें साम्राज्यवादी और कॉर्पोरेट शक्तियों के इशारे पर आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन से बेदखल कर रही हैं। वे खनिज संपदा और वन संसाधनों की लूट को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी समुदाय का दमन कर रही हैं। नक्सलियों ने प्रेस नोट में सिलसिलेवार तरीके से हुई मुठभेड़ों और उनमें मारे गए अपने साथियों के नामों का भी उल्लेख किया है।


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