Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के निजी और सहायता प्राप्त स्कूल कर्मचारियों को ESI एक्ट के तहत मिलेगा लाभ, हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

Bilaspur News: दरअसल रायपुर,बिलासपुर,दुर्ग, राजनांदगांव सहित प्रदेशभर के कई नामी निजी स्कूलों ने राज्य सरकार की 27 अक्टूबर 2005 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के निजी और सहायता प्राप्त स्कूल कर्मचारियों को ESI एक्ट के तहत मिलेगा लाभ, हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

Bilaspur News, image source: ibc24

Modified Date: September 12, 2025 / 04:22 pm IST
Published Date: September 12, 2025 4:22 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कर्मचारियों के लिए बीमा अंशदान अनिवार्य
  • ईएसआइ एक्ट केवल कारखानों या उद्योगों तक सीमित नहीं
  • निजी स्कूलों को ईएसआइ एक्ट के तहत कराना होगा पंजीकरण 

बिलासपुर: Bilaspur News, हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में स्पष्ट किया है कि राज्य के निजी और सहायता प्राप्त स्कूल अब कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (ईएसआइ एक्ट) के दायरे से बाहर नहीं रहेंगे। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने करीब एक दर्जन से अधिक याचिकाओं को एक साथ सुनते हुए यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि स्कूल भी स्थापना (एस्टेब्लिशमेंट) की श्रेणी में आते हैं, इसलिए यहां कार्यरत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलना ही चाहिए। दरअसल रायपुर,बिलासपुर,दुर्ग, राजनांदगांव सहित प्रदेशभर के कई नामी निजी स्कूलों ने राज्य सरकार की 27 अक्टूबर 2005 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।

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कर्मचारियों के लिए बीमा अंशदान अनिवार्य

Bilaspur News, इस अधिसूचना के जरिए स्कूलों को ईएसआइ एक्ट के तहत लाते हुए उनके कर्मचारियों के लिए बीमा अंशदान अनिवार्य किया गया था। स्कूल प्रबंधन का तर्क था कि शिक्षा सेवा है, व्यवसाय नहीं,इसलिए उन पर यह कानून लागू नहीं होना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि उनकी गतिविधियां न तो औद्योगिक हैं और न ही वाणिज्यिक,इसलिए ईएसआइ की परिभाषा में नहीं आतीं हैं।

राज्य सरकार और कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने इन दलीलों का कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि ईएसआइ एक्ट एक सामाजिक सुरक्षा कानून है, जो हर उस संस्था पर लागू हो सकता है जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हों। शिक्षा संस्थान भी स्थायी स्थापना हैं और यहां काम करने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा, मातृत्व लाभ और अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए।

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ईएसआइ एक्ट केवल कारखानों या उद्योगों तक सीमित नहीं

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि ईएसआइ एक्ट केवल कारखानों या उद्योगों तक सीमित नहीं है। स्थापना शब्द का अर्थ व्यापक है, जिसमें शैक्षणिक संस्थान भी शामिल हैं। शिक्षा समाज सेवा अवश्य है, लेकिन स्कूलों में नियमित रूप से कर्मचारी कार्यरत रहते हैं, इसलिए उनके हितों की रक्षा जरूरी है।

कोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करने से पहले सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की थीं। इस फैसले से प्रदेश के लगभग 1900 निजी और सहायता प्राप्त स्कूल प्रभावित होंगे। यहां कार्यरत हजारों शिक्षक, कर्मचारी और अन्य स्टाफ अब स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना, मातृत्व व अन्य कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

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निजी स्कूलों को ईएसआइ एक्ट के तहत कराना होगा पंजीकरण

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ईएसआइ योगदान जमा करने में कोताही करने वाले स्कूलों पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। अब राज्य के सभी निजी स्कूलों को ईएसआइ एक्ट के तहत पंजीकरण कराना और नियमित योगदान जमा करना होगा, ताकि कर्मचारियों को निर्धारित लाभ समय पर मिल सके।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com