Publish Date - July 8, 2025 / 06:05 PM IST,
Updated On - July 8, 2025 / 06:05 PM IST
Bilaspur News | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
बिलासपुर में मोबाइल गेम बना मौत की वजह,
फ्री फायर खेलते वक्त फिसला पैर,
14 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत,
बिलासपुर: Bilaspur News: बिलासपुर में मोबाइल पर गेम खेलना एक 14 वर्षीय बालक के मौत की वजह बन गया है। गेम खेलने में मशगूल बालक की गिरने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है, पैर स्लीप होने से बालक सिर के बल सड़क में गिर गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
Bilaspur News: मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र का है। जहां 14 वर्षीय आदित्य लखवानी अपने भाई व दोस्तों के साथ मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलते हुए बाहर टहल रहा था। बाद में सभी वापस घर जाने लगे। इसी दौरान पीछे चल रहे आदित्य का पैर अचानक फिसल गया और वो सिर के बल सड़क में गिरकर अचेत हो गया। आनन फानन में साथी आदित्य को लेकर पहले बिल्हा फिर सिम्स पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया।
Bilaspur News: बताया रहा है गेम में ध्यान होने के कारण आदित्य का पैर फिसल गया और सिर में गंभीर चोट आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बहरहाल मृतक का पीएम कराया जा रहा है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
"मोबाइल गेम खेलते समय मौत" की यह घटना बिलासपुर के चकरभाठा थाना क्षेत्र की है, जहाँ 14 वर्षीय बालक आदित्य फ्री फायर गेम खेलते समय सड़क पर गिर पड़ा, जिससे सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
क्या "फ्री फायर" जैसे मोबाइल गेम बच्चों के लिए खतरनाक हैं?
"फ्री फायर" जैसे गेम अत्यधिक ध्यान आकर्षित करते हैं और बच्चे आसपास के माहौल से अनजान हो सकते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए माता-पिता को बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रखनी चाहिए।
"मोबाइल गेम खेलते समय मौत" के मामले में क्या पुलिस जांच कर रही है?
हां, पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही और अधिक जानकारी सामने आएगी।
क्या "मोबाइल गेम" पर कोई सरकारी प्रतिबंध लगाया जा सकता है?
वर्तमान में "मोबाइल गेम" पर सीधा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन ऐसी घटनाओं के बाद बच्चों के लिए उचित गाइडलाइन और गेम समय-सीमा निर्धारण की मांग जरूर उठती रही है।
इस तरह की "मोबाइल गेम से जुड़ी मौत" की घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को गेम खेलने की सीमाएं समझाएं, खुले स्थानों पर गेम न खेलने दें और मानसिक व शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा दें।