सीयू में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन, मातृभाषा हमारे जीवन का अभिन्न अंग- कुलपति प्रो. चक्रवाल

सीयू में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष व्याख्यान का आयोजन, मातृभाषा हमारे जीवन का अभिन्न अंग- कुलपति प्रो. चक्रवाल
Modified Date: February 21, 2024 / 07:13 pm IST
Published Date: February 21, 2024 7:13 pm IST

बिलासपुर
गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) में दिनांक 21 फरवरी, 2024 को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर रजत जयंती सभागार के हाल क्रमांक 1 में आयोजित विशेष व्याख्यान में विश्वविद्यालय के माननीय के कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि मातृभाषा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि वर्तमान में युवा प्रगतिशील होने के साथ ही अपने स्व के भाव को संरक्षित किये जाने के प्रति जागरुक है। उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है यहां अनेक भाषा और मत को मानने लोग रहते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान किये जाने पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे मां सरस्वती के आशीर्वाद से देश-विदेश की विभिन्न भाषाओं का ज्ञान है। यह ज्ञान हम सभी को भाषाओँ के सम्मान का भाव प्रदान करता है। इस अवसर पर उन्होंने मातृभाषा के महत्व पर विशेष प्रकाश डालती ‘मां की बोली’ कविता का सस्वर पाठ किया।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रेमलता चुटैल, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय ने भारतीय भाषाओं के सामन्जस्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आपसी संवाद के माध्यम से हम अपनी भाषा के ज्ञान को लोकोपयोगी एवं अत्यंत समृद्ध कर सकते हैं।
किताब का हुआ विमोचन
अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के सुअवसर पर छत्तीसगढ़ की ‘लोक संस्कृति में श्रीराम’ पुस्तक का मंचस्थ अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर मां सरस्वती तथा बाबा गुरु घासीदास जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। मंचस्थ अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. गौरी त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उद्बोधन दिया। डॉ. नेत्रा रावणकर, प्राचार्य, निर्मला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, उज्जैन ने अपने विचार व्यक्त किये।
  अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव तथा संचालन डॉ. मुरली मनोहर सिंह, सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यपीठों के अधिष्ठातागण,  विभागाध्यक्षगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


लेखक के बारे में

Associate Executive Editor, IBC24 Digital