CG News: हिंदू पति की धार्मिक आस्था का अपमान कर रही थी क्रिश्चियन पत्नी! कोर्ट ने पति के तलाक को सही माना
hindu husband and Christian wife divorce: कोर्ट ने पाया कि पत्नी द्वारा हिंदू पति के धार्मिक अनुष्ठानों और देवी देवताओं का उपहास किया जा रहा था। इसलिए कोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज कर दी।
बिलासपुर। hindu husband and Christian wife divorce: हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा धार्मिक आस्था का सम्मान न करने पर पति को तलाक लेने का अधिकारी माना है। कोर्ट ने पाया कि पत्नी द्वारा हिंदू पति के धार्मिक अनुष्ठानों और देवी देवताओं का उपहास किया जा रहा था। इसलिए कोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज कर दी।
फैमिली कोर्ट ने पति का तलाक आवेदन स्वीकार किया था। पत्नी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। प्रकरण के अनुसार मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के अंतर्गत करंजिया निवासी युवती ईसाई धर्म को मानने वाली है। उसने गाँधी नगर बिलासपुर निवासी युवक से 7 फरवरी 2016 को हिन्दू रीति रिवाज से विवाह किया था।
शादी के कुछ माह बाद से ही पत्नी ने हिंदू रीति रिवाजों और देवी देवताओं का उपहास करना शुरू कर दिया। विकास दिल्ली में नौकरी कर रहा था। कुछ माह वहां साथ रहने के बाद वह वापस बिलासपुर आ गई और सेंट जेवियर्स स्कूल में अध्यापिका के रूप में कार्य करने लगी। उसने बाद में वापस ईसाई धर्म अपनाकर चर्च जाना शुरू कर दिया था।
इन सब बातों से व्यथित होकर पति ने फैमिली कोर्ट बिलासपुर में तलाक के लिये आवेदन प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 अप्रैल को विकास को तलाक की अनुमति देते हुए उसके पक्ष में डिक्री पारित कर दी। इस आदेश को पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील कर चुनौती दी। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय जायसवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। पत्नी ने खुद स्वीकारा उसकी मान्यता और आस्था अलग है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पत्नी ने खुद स्वीकार किया है कि पिछले 10 वर्षों से उसने किसी भी तरह की पूजा नहीं की है। इसके बजाय वह प्रार्थना के लिए चर्च जाती है। पति ने बताया कि अपीलकर्ता पत्नी ने बार-बार उसकी धार्मिक मान्यताओं को अपमानित किया। ट्रायल कोर्ट द्वारा दर्ज निष्कर्ष हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार हैं, और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

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