Bilaspur High Court News: सरकार ने सभी जिलों के CMHO को लिखा खत.. पूछा, कैसा है आपके जिले में सरकारी एम्बुलेंस का हाल?.. जानें क्या वजह..

न्यायालय ने चिंता जताई कि यदि किसी दुर्घटनाग्रस्त मरीज को खराब हालत वाली एंबुलेंस में ले जाया जाए और वह रास्ते में खराब हो जाए, तो मरीज की जान पर बन सकती है।

Bilaspur High Court News: सरकार ने सभी जिलों के CMHO को लिखा खत.. पूछा, कैसा है आपके जिले में सरकारी एम्बुलेंस का हाल?.. जानें क्या वजह..

Bilaspur High Court News || Image- Live Law

Modified Date: February 14, 2025 / 10:32 pm IST
Published Date: February 14, 2025 10:24 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 108 एंबुलेंस की बदहाल स्थिति पर सरकार से रिपोर्ट तलब की।
  • एंबुलेंसों में एक्सपायरी दवाएं, खराब उपकरण; मरीजों की जान पर मंडराया खतरा।
  • कोर्ट ने पूछा – 108 एंबुलेंस बिना फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे चला रही सरकार?

Condition of government ambulance in Chhattisgarh: रायपुर: छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है। न्यायालय ने सभी जिलों में एंबुलेंसों की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट तैयार कर दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान शासन ने न्यायालय को बताया कि इस संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) से जानकारी मांगी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई मार्च में होगी।

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एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में वर्ष 2019 से संचालित एंबुलेंसों की हालत लगातार बिगड़ रही है। नियमों के मुताबिक, तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी गाड़ियों को सेवा से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन अधिकांश 108 एंबुलेंसों के माइलेज मीटर ही काम नहीं कर रहे। इसके अलावा, इन वाहनों का नियमित निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा है, जिससे उनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं।

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Condition of government ambulance in Chhattisgarh: न केवल एंबुलेंसों की स्थिति खराब है, बल्कि इनमें मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयां और चिकित्सा उपकरणों की दशा भी दयनीय है। कई एंबुलेंसों में एक्सपायरी दवाइयां पाई गई हैं, जो मरीजों को स्वास्थ्य शिविरों के दौरान दी जाती हैं। यह स्थिति जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच (DB) में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि सभी जिलों से एंबुलेंसों की स्थिति पर जानकारी मांगी गई है और शासन इस डेटा को इकट्ठा कर रहा है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि जब अन्य वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य है, तो 108 एंबुलेंसों को इससे छूट कैसे दी जा सकती है?

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Condition of government ambulance in Chhattisgarh: न्यायालय ने चिंता जताई कि यदि किसी दुर्घटनाग्रस्त मरीज को खराब हालत वाली एंबुलेंस में ले जाया जाए और वह रास्ते में खराब हो जाए, तो मरीज की जान पर बन सकती है। अदालत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर और जनहित से जुड़ा हुआ बताते हुए राज्य सरकार को एंबुलेंस सेवाओं की स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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