High Court On Kawasi Lakhma Case: पूर्व मंत्री कवासी लखमा की याचिका पर हाई कोर्ट ने ACB और EOW से मांगा जवाब, अब इस दिन होगी अगली सुनवाई
High Court On Kawasi Lakhma Case: पूर्व मंत्री कवासी लखमा की याचिका पर हाई कोर्ट ने ACB और EOW से मांगा जवाब, अब इस दिन होगी अगली सुनवाई
CG News: Image Credit: IBC24
- पूर्व मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत अर्जी पर HC में सुनवाई
- लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
- HC ने ACB EOW को जारी किया नोटिस
- अगली सुनवाई 13 मार्च 2025 को तय
बिलासपुर। High Court On Kawasi Lakhma Case: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाले मामले में जेल में बंद हैं। अग्रिम जमानत के लिए लखमा ने याचिका हाइकोर्ट में दायर की है। इस याचिका पर आज गुरुवार को जस्टिस अरविंद वर्मा की बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। जिस पर कोर्ट ने ACB EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई 13 मार्च 2025 को तय की है।
बता दें कि पहले भी कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट पहले ही खारिज की जा चुकी है। कवासी की ओर से वकील ने उन्हें निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से पैसा और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी, वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपए कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी। कथित शराब घोटाले के मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
इस दौरान ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि, लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाए कि, उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरुरी है। आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी।
High Court On Kawasi Lakhma Case: वहीं ED ने यह भी कहा कि, शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने बताया कि, लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा। इसके उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है। फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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