Sitaram Hanuman Mandir: 160 साल पुराना सीताराम हनुमान मंदिर, साल में सिर्फ दशहरे पर खुलते हैं मंदिर के पट, भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
Sitaram Hanuman Mandir: 160 साल पुराना सीताराम हनुमान मंदिर, साल में सिर्फ दशहरे पर खुलते हैं मंदिर के पट, भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
Sitaram Hanuman Mandir/Image Source: IBC24
- विजयादशमी पर भक्तों की आस्था का केंद्र
- साल में सिर्फ एक दिन खुलता है यह अनोखा मंदिर
- दशहरे पर होता है भक्तों का तांता
बिलासपुर: Bilaspur News: आज पूरा देश विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मना रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक भगवान राम की पूजा-अर्चना की जा रही है। इसी कड़ी में बिलासपुर का वर्षों पुराना सीताराम हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह साल में केवल दशहरे के दिन ही खुलता है। कुछ ही घंटे भगवान राम, माता सीता और हनुमान भक्तों को दर्शन देते हैं। Sitaram Hanuman Mandir
Sitaram Hanuman Mandir: हटरी चौक स्थित सीताराम हनुमान मंदिर का इतिहास लगभग 160 वर्षों पुराना है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर यह मंदिर है, वहां पहले एक विशाल नीम का वृक्ष था जो समय के साथ सूखकर गिर गया। उसी वृक्ष की जड़ों से भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाएं प्रकट हुईं। इन्हीं प्रतिमाओं को स्थापित कर मंदिर का निर्माण कराया गया और प्राण-प्रतिष्ठा की गई। तब से लेकर आज तक पांडेय परिवार मंदिर का संचालन कर रहा है। मंदिर की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह साल में केवल दशहरे के दिन ही श्रद्धालुओं के लिए खुलता है। इस दिन कुछ घंटे भगवान राम, माता जानकी और भक्त हनुमान के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, इसलिए इसे मनोकामना पूर्ति मंदिर भी कहा जाता है।
Sitaram Hanuman Mandir: मंदिर व्यवस्थापक दिनेश चंद्र पांडेय बताते हैं कि भक्त पूरे वर्ष इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जैसे ही मंदिर के पट खुले, भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। आज विजयादशमी के दिन भी मंदिर के पट खुले हैं और श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई है। भक्त यहां भगवान राम और माता जानकी के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की अर्जी लगा रहे हैं। कई श्रद्धालु वर्षों से आते हैं, तो कई पहली बार दर्शन करने पहुंचे हैं। बिलासपुर का यह राम सीता हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक अनुशासन और आस्था के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है। विजयादशमी के अवसर पर यहां जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ इस परंपरा की जीवंतता और भगवान के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाती है।
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