Chhindwara News: रहस्यमय किडनी बीमारी ने मचाई सनसनी! 6 बच्चों की मौत, इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक, कलेक्टर ने जारी की एडवाइजरी

Chhindwara News: रहस्यमय किडनी बीमारी ने मचाई सनसनी! 6 बच्चों की मौत, इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक, कलेक्टर ने जारी की एडवाइजरी

  • Reported By: Ajay Dwivedi

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  • Publish Date - September 30, 2025 / 07:31 PM IST,
    Updated On - September 30, 2025 / 07:31 PM IST

Chhindwara News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • कोयलांचल में रहस्यमयी बीमारी का कहर,
  • किडनी फेलियर मामले में पुणे की रिपोर्ट आई नेगेटिव,
  • 4 बच्चों का नागपुर में चल रहा इलाज,

छिंदवाड़ा: Chhindwara News: कोयलांचल में बच्चों में रहस्यमय किडनी संबंधी बीमारी ने हड़कंप मचा दिया है। अब तक छह बच्चों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। चार अन्य बच्चे नागपुर में इलाजरत हैं, जिनमें से एक की हालत स्थिर है जबकि तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बीच छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इस मामले पर हाई लेवल बैठक की।

बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मिलकर बच्चों के इलाज और दवाओं के उपयोग पर चर्चा की। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि Coldrif और Nextro-DS सिरप का उपयोग पूरी तरह बंद किया जाए। साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कोई भी दवा न दें। सर्दी-खांसी होने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं और झोलाछाप डॉक्टरों से बचें।

Chhindwara News: इसके अलावा माता-पिता को बच्चों की यूरिनिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। यदि बच्चा 6 घंटे से अधिक समय तक पेशाब नहीं करता तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। उल्टी या सुस्ती की स्थिति में भी देरी न करें। कलेक्टर ने सभी से आग्रह किया है कि बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाएं और यदि बुखार दो दिन से अधिक बना रहे तो तत्काल इलाज कराएं।

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छिंदवाड़ा में किडनी बीमारी से बच्चों की मौत क्यों हो रही है?

यह बीमारी अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है, परंतु संक्रमण और गलत दवाओं के कारण हो सकती है।

कलेक्टर ने कौन-कौन सी दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है?

Coldrif और Nextro-DS सिरप का उपयोग पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया गया है।

बच्चों के लिए क्या सावधानियां जरूरी हैं?

बिना डॉक्टर की सलाह दवा न दें, बच्चे को अधिक पानी पिलाएं और पेशाब में दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

बच्चों की हालत गंभीर होने पर क्या करना चाहिए?

तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज करवाएं और झोलाछाप डॉक्टरों से बचें।

क्या यह बीमारी संक्रामक है?

अभी इसका स्पष्ट जवाब नहीं है, पर सावधानी बरतना जरूरी है।